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Israeli army intelligence chief Aharon Haliva resigns pleads guilty in Hamas attack

Israeli Army: इजरायली सेना के खुफिया प्रमुख अहरोन हलीवा ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया, इस इस्तीफे को इजरायल की सेना स्वीकार करते हुए अहरोन हलीवा को धन्यावाद दिया है. सेना ने कहा कि सैन्य खुफिया निदेशालय के प्रमुख ने हमास हमलों की वजह से हलीवा ने इस्तीफा दिया है. इजरायल के इतिहास में सबसे घातक हमले में अपनी भूमिका से इस्तीफा देने वाले अहरोन हलीवा पहले वरिष्ठ व्यक्ति बन गए.

मेजर जनरल अहरोन हलीवा के इस्तीफे के बाद माना जा रहा है अब उन सभी अधिकारियों को पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा, जो हमास हमले को रोकने में फेल साबित हुए. क्योंकि बगैर किसी चुनौती के हमास के आंतकवादी घंटों तक इजरायल में तोड़फोड़ करते रहे और 1200 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. साथ ही 250 लोगों को बंधक बना लिया. फिलहाल, उस हमले के बाद इजरायल ने गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध की शुरुआत की जो अब सातवें महीने में है. 

विफलाताओं की वजह से दिया इस्तीफा
इस्तीफा देने वाले अधिकारी ने अपने इस्तीफे में लिखा, ‘जो जिम्मेदारी हमें सौंपी गई थी, उसमें मेरी कमान खरा नहीं उतर पायी. मैं तब से उस काले दिन को याद रखता हूं, दिन के बाद दिन, रात के बाद रात. मैं इस दर्द को हमेशा अपने साथ रखूंगा.’

युद्ध के कुछ ही समय बाद ही हलीवा ने सार्वजनिक रूप से अपने को इस हमले का जिम्मेदार माना था. उन्होंने कहा कि सरकार और सेना को जो खुफिया चेतावनियां और दैनिक अलर्ट की जिम्मेदार उनपर थी, वह नहीं निभा सके. 

दुश्मनों के बीच में फंसा है इजरायल
हमास हमले के बाद हलीवा और अन्य सैन्य और सुरक्षा अधिकारियों से उम्मीद की गई थी कि वे अपनी विफलताओं के जवाब में इस्तीफा देंगे, लेकिन ऐसा सात महीनों तक नहीं हुआ. क्योंकि इजरायल अभी भी गाजा में हमास से लड़ रहा है और उत्तर में लेबनानी आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह से लड़ रहा है. दोनों दुश्मनों के बीच हमलों के बाद ईरान के साथ भी तनाव चरम पर है.

नेतन्याहू ने नहीं ली जिम्मेदारी
एक तरफ हलीवा और कई अन्य ने हमले को रोकने में विफल रहने के लिए दोष स्वीकार कर लिया है, वहीं कुछ लोगों ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है. विशेष रूप से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी भूमिका के बारे में कठिन सवालों का जवाब देने के लिए कहा है, लेकिन हमले को लेकर उन्होंने सीधे तौर पर जिम्मेदारी स्वीकार नहीं की है. उन्होंने यह भी संकेत नहीं दिया है कि वह पद छोड़ देंगे.

यह भी पढ़ेंः फिलीपींस और अमेरिका की सेना आई संग तो चीन को लगी मिर्च, जानें क्या है मामला? 

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