BJP प्रत्याशी रहे रितेश पांडे के चाचा पर लगा गैंगेस्टर, जेल में बंद हैं पवन पांडे | gangster act imposed on former mla pawan pandey in ambedkarnagar stwk


पूर्व विधायक पवन पांडे पर लगा गैंगस्टर एक्ट.
उत्तर प्रदेश के चर्चित पूर्व विधायक पवन पांडे पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है. पुलिस ने पवन पांडे सहित 12 लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए सभी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मामला दर्ज किया है. पूर्व विधायक पवन पांडे पहले से ही जेल में बंद हैं. वहीं उन पर हत्या, धोखाधड़ी और जमीन पर कब्जे जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं. गैंगस्टर एक्ट मामले में पुलिस ने पूर्व विधायक को मुख्य आरोपी बनाया है. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद पूर्व विधायक की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गई हैं.
पूर्व विधायक पवन पांडे अंबेडकरनगर से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले रितेश पांडे के चाचा हैं. इस समय पवन पांडे जालसाजी कर जमीन हड़पने और हत्या के मामले में जेल में बंद हैं. पवन पांडे पर जौनपुर, अंबेडकरनगर, लखनऊ, अयोध्या और प्रयागराज सहित मुंबई में भी केस दर्ज है. पवन पांडे के आपराधिक रिकॉर्ड की बात करें तो उन पर पहला मुकदमा सन 1984 में दर्ज किया गया था. वहीं 1987 में पहली बार पूर्व विधायक पर गैंगस्टर एक्ट लगा था.
7 बार लग चुका गैंगस्टर एक्ट
पूर्व विधायक पर हत्या, आर्म्स एक्ट, एक्साइज एक्ट, गुंडा एक्ट और 3/2 राष्ट्रीय सुरक्षा कानून सहित तमाम संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है. पवन पांडे पर अब तक कुल सात बार गैंगस्टर एक्ट लग चुका है. वहीं कुल मुकदमों की बात करें तो पूर्व विधायक पर अब तक 95 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. IPC की शायद ही कोई ऐसी धारा हो, जिसमें पूर्व विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज न हुआ हो. तमाम संगीन धाराओं के बावजूद अपनी सियासी रसूख के चलते वह जेल जाने से बचते रहे हैं, लेकिन अभी एक मामले में वह जेल में बंद हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ समय के लिए पूर्व विधायक को राहत मिली थी और वह जेल से बाहर आए थे.
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बाबरी केस में भी पूर्व विधायक का नाम
पवन पांडे का परिवार राजनीति में सक्रिय है. पवन पांडे के भाई राकेश पांडे समाजवादी पार्टी से विधायक हैं. वहीं उनके भतीजे रितेश पांडे बसपा से सांसद रह चुके हैं. इस बार रितेश पांडे ने अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव पर लड़ा था, लेकिन सपा प्रत्याशी लाल जी वर्मा के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.
पवन पांडे खुद एक बार शिवसेना से विधायक रह चुके हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में पवन पांडे ने अपने बेटे प्रतीक पांडे को बसपा के टिकट से चुनाव लड़ाया था, लेकिन बेटे को सफलता नहीं मिली थी. पवन पांडे अयोध्या के बहुचर्चित बाबरी केस में भी प्रमुख आरोपी रहे हैं.