CM योगी से न्याय मांगने पहुंची रेप पीड़िता, पुलिस पर मिलीभगत का लगाया आरोप | kanpur cm yogi aaditynath rape victim seeking justice police collusio-stwma


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)Image Credit source: TV9
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का बुरा हाल नजर आ रहा है. महिलाओं के प्रति सुरक्षा का भरोसा देने वाली सरकार में रेप पीड़ित महिला को इंसाफ के लिए मुख्यमंत्री की सभा में गुहार लगानी पड़ रही है. बाबजूद इसके पुलिस के अधिकारी पीड़ित महिला की आवाज को दबा रहे हैं. मामला कानपुर का है, जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा में रेप पीड़िता न्याय के लिए अपने मासूम बच्चे को लेकर पहुंची. जब पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाई तो वहां मौजूद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी रेप पीड़िता को सभा स्थल से बाहर ले गए.
शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर में जनसभा कर रहे थे. इस दौरान बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के नेता मौजूद थे. सभा चल रही थी तभी एक महिला अपनी गोद में मासूम बच्चा लेकर मीडिया गैलरी में घुस आई. महिला खुद को रेप पीडिता बता रही थी और आरोपी को जेल भिजवाने की गुहार लगा रही थी. पुलिस और प्रशासनिक अधिकरियों ने जब यह देखा तो उनके हाथ-पांव फूल गए. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी महिला के पास पहुंचे और महिला पुलिस की मदद से उसे सभा स्थल से बाहर ले गए.
पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
रेप पीड़ित महिला मुख्यमंत्री को अपने साथ हुए अत्याचार को बताना चाहती थी. पीड़िता पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रही थी. पीड़िता ने बताया कि जन्माष्टमी के दिन उसके पड़ोस में रहने वाले कल्लू ने घर में घुसकर उसका रेप किया था. उसने इसकी शिकायत थाना सेन पारा पश्चिम की पुलिस से की थी. पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने उसकी कोई मदद नही की. वहीं गांव में उसके साथ हुई इस घटना से वह शर्मसार हो गई. उसने अपने 3 बच्चों के साथ लोकलाज के डर से गांव छोड़ दिया. पीड़िता का आरोप है कि उसने सेन पारा पश्चिम थाने की पुलिस को घटना वाले दिन बुलाया था. लेकिन आरोपी की ओर से पैसे मिल जाने के कारण कोई कार्रवाई पुलिस द्वारा नहीं की गई.
‘नही मिला न्याय तो दे दूंगी जान’
न्याय की गुहार लगाने पहुंची पीड़िता से पुलिस अधिकारियों ने शिकायत पत्र ले लिया. पीड़िता ने इस दौरान मीडिया गैलरी में बैठी भाजपा महिला नेताओं से भी हाथ जोड़कर इंसाफ दिलाए जाने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी. पीड़िता का कहना है कि अगर उसकी सुनवाई और नहीं हुई उसे न्याय नहीं मिला तो वह अपने बच्चों के साथ अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेगी।