India China Border Dispute Now Our Army Personnel To Learn Chinese In Assam Tezpur University Know The Reason

India China News: भारत-चीन के हजारों किमी लंबे बॉर्डर पर दो देशों की पेट्रोलिंग टीम के बीच अक्सर झड़प होती है. चाइनीज आर्मी (PLA) के सैनिकों की हरकतों का उन्हीं की भाषा में जवाब देने के लिए अब भारतीय सेना के जवान चीनी भाषा मंदारिन (Mandarin language) सीखेंगे. इसके लिए मध्य असम की तेजपुर यूनिवर्सिटी में एक एमओयू साइन किया गया है.
डिफेंस प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि भारतीय सैनिकों को चीनी समकक्षों के साथ उन्हीं की भाषा में बात करने के लिए चीनी भाषा सिखाई जाएगी. उन्हें इन-हाउस मंदारिन भाषा में निपुण बनाने के लिए बुधवार (19 अप्रैल) को सेना और विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. उन्होंने कहा कि चीनी भाषा कौशल में सुधार के साथ सैनिक अपनी बातों को अधिक मजबूती से व्यक्त करने की बेहतर स्थिति में होंगे.
इसलिए जरूरी है चाइनीज भाषा सीखना..
लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा, “यह कमांडर स्तर की वार्ता, फ्लैग मीटिंग, संयुक्त अभ्यास और सीमा कर्मियों की बैठक सहित विभिन्न बातचीत के दौरान चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की गतिविधियों के बारे में विचारों के बेहतर आदान-प्रदान और समझ में मदद करेगा.” लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने कहा कि कोर्स 16 सप्ताह की अवधि का होगा.
मिलिट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि लद्दाख में भारतीय जवानों और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच हुई हिंसक झड़पों के मद्देनजर आईटीबीपी ने भी अपने जवानों के लिए एडवांस मंदारिन का कोर्स तैयार किया है. यह कोर्स आईटीबीपी के सभी 90 हजार जवानों को करवाया जाएगा.
बता दें कि जिस तेजपुर यूनिवर्सिटी में भारतीय सैनिक चीनी भाषा सीखेंगे, उसकी स्थापना 1994 में संसद के एक अधिनियम द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी. यह चीनी सहित विदेशी भाषाओं को पढ़ाने में पूर्वोत्तर का एक अग्रणी संस्थान है.
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