500 रुपए के खातिर नाई ने कर दिया खतना, कट गई गलत नस; डेढ़ महीने के मासूम की मौत | Barber perform Khatna on one and half month old child died due to bleeding Bareilly stwn

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां एक नाई की लापरवाही से डेढ़ महीने के मासूम की जान चली गई. परिवार के लोग नवजात का खतना करवा रहे थे उसी वक्त नाई ने गलत नस काट दी जिससे नवजात की मौत हो गई. पुलिस ने आरोपी नाई पर धारा 105 के तहत मामला दर्ज किया है. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी नाई फरार हो गया है. वहीं पुलिस नाई की तलाश में जुटी है.
पूरा मामला फतेहगंज के पूर्वी थाना क्षेत्र के शिवपुरी गांव का है. डेढ़ महीने के अरमान का खतना होने के बाद मौत हो गई. मासूम के पिता शरीफ अहमद की माली हालत कुछ ठीक नहीं है. इसी वजह से वह बच्चे के खतना कराने के लिए कोई व्यवस्था देख रहे थे. तभी उन्हें नाई कबीर मिला जिसने खुद खतना करने की बात कही. रफीक अपने बच्चे का खतना कराने के लिए तैयार हो गए. कबीर नाई ने 11 अगस्त को करीब 11:30 बजे ₹500 लेकर बच्चे का खतना कर दिया. खतना होने के बाद उसकी गलत नस कट गई और खून बहने लगा. परिजन जब तक कुछ समझ पाते तब तक काफी ब्लीडिंग हो चुकी थी.
ब्लीडिंग होने के बाद बच्चा बेहोश हो गया और बाद में बच्चे की मौत हो गई. इस मामले में बच्चों के पिता शरीफ अहमद ने नाई कबीर के खिलाफ 105 बीएस की धारा के तहत एफआईआर दर्ज कराई है. इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं आरोपी नाई घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गया है. पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई है.
बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संदीप वार्षणेय का कहना है कि किसी भी सामाजिक रीति-रिवाज होते हैं तो उन्हें करवाने के लिए विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए. ऑपरेशन किसी सर्जन के द्वारा होना चाहिए. किसी बाहरी व्यक्ति को इस तरह का काम नहीं करना चाहिए और न ही परिजनों को करवाना चाहिए. खतना करने की एक सर्जिकल प्रक्रिया होती है.सेप्सिस का खतरा होता है. ब्लीडिंग का भी खतरा रहता है. कुछ और भी कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में अगर खतने में कोई समस्या आती है तो उसको कोई एक्सपर्ट डील कर लेता है.
स्किल्ड व्यक्ति की जगह अगर किसी बाहरी व्यक्ति से खतना कराया जाए तो इससे खतरा हो सकता है. इस तरह के कई केस सामने आ चुके हैं. इस केस में जैसा बताया जा रहा है कि गरीब परिवार था और ₹500 की खातिर नाई ने खतना कर दिया तो ऐसे लोग सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजो में जाएं जहां फ्री ऑफ कोस्ट में सर्जन ऑपरेशन करते हैं.