बाजू में दिखीं ऐसी हल्की लकीरें, दिल्ली पुलिस की नौकरी से हो गया रिजेक्ट, लेकिन एक साल बाद… | Baghpat There were such light lines on arms tattoo got rejected from Delhi Police job but after year delhi highcourt decision stwtg


प्रतीकात्मक तस्वीर.
आपने सुना होगा कि अगर आपकी बॉडी के कुछ चुनिंदा हिस्सों में टैटू है तो आपको कई सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में नौकरी नहीं मिल सकती. लेकिन उत्तर प्रदेश के एक युवक के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिससे उन नौजवानों के लिए उम्मीद की किरण बंधी है, जिनके बॉडी पार्ट्स में टैटू है और वो इस बात से डरते हैं कि कहीं उन्हें टैटू के कारण नौकरी में रिजेक्शन न मिल जाए. यूपी के बागपत निवासी 20 वर्षीय दीपक यादव ने इसके लिए एक साल तक कानूनी लड़ाई लगी. दीपक को टैटू के कारण दिल्ली पुलिस भर्ती में रिजेक्ट कर दिया था.
यह मामला शुरू हुआ सितंबर 2023 में जब दीपक ने कर्मचारी चयन आयोग (SSC) का एक विज्ञापन देखा. विज्ञापन में दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की बात लिखी थी. दीपक ने इस नौकरी के लिए आवेदन भरने का फैसला किया.
दीपक ने दिसंबर 2023 में रिटन टेस्ट क्लियर कर लिया. अब उन्हें कॉन्स्टेबल बनने के लिए सिर्फ एक मेडिकल परीक्षा पास करनी थी, जिसमें फिजिकल फिटनेस टेस्ट भी शामिल था. इसके लिए दीपक को अपने दाहिने हाथ पर बना हुआ मां के नाम का टैटू भी मिटाना था. फिजिकल टेस्ट में फेल होने से बचने के लिए दीपक ने लेजर टैटू सर्जरी से अपना टैटू मिटवा लिया. जब 20 जनवरी को दीपक का टेस्ट हुआ तो वह फिजिकल टेस्ट में पूरी तरह सफल रहे. लेकिन हाथ में ‘मिटे हुए टैटू’ की वजह से उन्हें अनफिट करार दे दिया गया.
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फिर उठाई रिव्यू की मांग
दीपक ने अपनी मेडिकल परीक्षा के रिव्यू की मांग की. उन्हें उम्मीद थी कि उनके पास रिव्यू से पहले दो हफ्ते का समय है, जिसमें वह चार से पांच बार लेजर सर्जरी करवाकर टैटू को पूरी तरह मिटा देंगे. हालांकि, उनकी मेडिकल परीक्षा का रिव्यू दो दिन में ही आयोजित कर दिया गया, जिसके कारण वह सर्जरी नहीं करवा पाए. दीपक को एक बार फिर अनफिट करार दे दिया गया.
दीपक हार मानने के मूड में नहीं थे. उन्होंने दूसरी बार रिजेक्ट होने के बाद अपील करने का फैसला किया. दीपक के अगले पांच महीने अलग-अलग अदालतों के चक्कर लगाते हुए गुजरे. एसएससी के फैसले को चुनौती देते हुए दीपक ने पहली बार फरवरी में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की प्रधान पीठ का रुख किया. अप्रैल 2024 में कैट ने दीपक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि “आवेदकों के मामले पर पुनर्विचार करने पर कोई रोक नहीं है.”
दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती
एसएससी ने इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी और इसे रद्द करने की मांग की. दीपक की दाहिनी बांह का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करने और उसके हल्के पड़ चुके टैटू के निशान को देखने के बाद न्यायमूर्ति सुरेश कैत और न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया की खंडपीठ ने 24 जुलाई को कहा कि किसी उम्मीदवार को ऐसे आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता है.
अदालत ने एसएससी और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि दीपक को एक जुलाई को शुरू हो चुके ट्रेनिंग बैच में एक हफ्ते के अंदर शामिल होने की अनुमति दी जाए. हाईकोर्ट ने कहा, ऐसे उम्मीदवार को हमेशा इसे समय के साथ हटाने का मौका दिया जाता है.
कई उम्मीदवारों के लिए खुलेंगे दरवाजे
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, दीपक का मामला लगभग 40 अन्य समान स्थिति वाले उम्मीदवारों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर आया है. साल 2023 की दिल्ली पुलिस भर्ती परीक्षा में पुरुष और महिला कांस्टेबल (कार्यकारी) के पदों के लिए उपस्थित होने के बाद इन उम्मीदवारों को ‘अस्वीकार्य टैटू’ के कारण रिजेक्ट कर दिया गया था.
फैसले के कारण एसएससी टैटू के आधार पर खारिज किए गए उम्मीदवारों की समीक्षा के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन भी कर सकता है. नियमों के मुताबिक, अगर दाहिने हाथ पर टैटू के साथ कोई व्यक्ति पुलिस बलों में आवेदन करता है तो उसके लिए टैटू हटवाना जरूरी है.