Russia Ukraine War Rises Tensions With US Russian President Putin Employees Will Not Use Apples Devices

Apple Devices Sanctioned in Russia: रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूसी सरकार अमेरिका की पाबंदियों का जवाब पाबंदियां लगाकर ही दे रही है. रूसी सरकार ने एक प्रतिष्ठित अमेरिकी ब्रांड के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया है. वो ब्रांड है- एपल (Apple). रूस में राष्ट्रपति पुतिन के एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े कर्मचारी अब एपल के डिवाइसेस इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
ये फैसला रूसी सरकार ने यूक्रेन से चल रहे युद्ध के बीच जासूसी की आशंका के चलते लिया है. इस संबंध में सोमवार (20 मार्च) को फरमान जारी किया गया है. सोमवार को समाचार पत्र बिजनेस डेली कॉमर्सेंट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि रूसी प्रेसिडेंट एडमिनिस्ट्रेशन के वे सदस्य जो घरेलू मुद्दों में काम कर रहे हैं, वे मार्च अंत तक ऐपल के डिवाइस इस्तेमाल करना बंद कर देंगे. सरकार के आदेश के मुताबिक, रूसी अधिकारियों को iOS ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले अपने डिवाइसेस को “फेंकना या अपने बच्चों को देना होगा.”
अमेरिका ने लगा दी थी प्रतिबंधों की झड़ी
बता दें कि रूस-यूक्रेन जंग में अमेरिका समेत नॉटो अलायंस वाले देश यूक्रेन को सपोर्ट कर रहे हैं. इस जंग को शुरू हुए एक साल से ज्यादा समय बीच चुका है, लेकिन यह खत्म नहीं हो रही. अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस को रोकने के लिए उस पर प्रतिबंधों की झड़ी लगा दी थी, हालांकि फिर भी रूस ने हमले नहीं रोके. रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग में भारत और चीन ने आधिकारिक तौर पर किसी भी देश का पक्ष नहीं लिया, इन्होंने क्षेत्र में शांति-स्थापना की वकालत की है.
दो महाशक्तियों के बीच तो नहीं पिसा यूक्रेन?
रूसी सरकार यह दावा करती रही है कि यूक्रेन को भड़काने में अमेरिका का ही हाथ था. रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि उन देशों (यूक्रेन और पश्चिमी देशों) की ओर से ऐसी गतिविधियां संचालित की जा रही थीं, जिनसे अपने बचाव की खातिर रूस को यूक्रेन के खिलाफ स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन लॉन्च करना पड़ा.
यहां यह बताना जरूरी है कि यूक्रेन-रूसी की जंग में पश्चिमी देशों की ओर से रूस को ‘आक्रमणकारी’ बताया जा रहा है. पश्चिमी देशों का कहना है कि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, जबकि रूस उसे ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ कहता आया है.
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