सीतापुर हाई प्रोफाइल हत्याकांड का खुल गया राज, अपना ही खून निकला कातिल, 6 लोगों को मारकर सुना रहा था मनगढ़ंत कहानी | Sitapur high profile murder case revealed police arrested killer who killed whole family 6 people stwtg

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में 6 संदिग्ध मौतों का राज अब खुल गया है. इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड को मृतक के भाई और सहायक टीचर अजीत सिंह ने अंजाम दिया था. वही इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड निकला. उसने 6 मर्डर करके बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए मनगढ़ंत कहानी सुनाई थी. इस मामले की जांच पुलिस की एसटीएफ टीम को सौंपी गई थी. उन्होंने 11 मई को हुई इस खौफनाक वारदात का पर्दाफाश कर दिया है. फिलहाल आरोपी अजीत पुलिस की गिरफ्त में है. उससे पूछताछ की जा रही है.
पुलिस ने बताया कि रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के पल्हापुर में मां, भाई उसकी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या करने वाला आरोपी बड़ा भाई अजीत बेहद शातिर किस्म का है. महमूदाबाद के एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात अजीत सिंह ने छह लोगों की सुनियोजित ढंग से हत्या करने के बाद चालाकी से मनगढ़ंत कहानी बनकर पूरा आरोप अपने भाई पर ही लगा दिया. कड़ाई से पूछताछ के बाद बडे भाई अजीत सिंह ने वारदात को अंजाम देने की बात कबूल कर ली है.
पुलिस अब अजीत से पूछताछ कर रही है. एसओजी को मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य भी मिले हैं. पता चला है कि अजीत ने हत्या के बाद खून से अपने कपड़े भी धो डाले. पुलिस से बचने के लिए उसने अपने कपड़े छिपा भी दिए थे. फॉरेंसिक टीम ने अजीत की निशानदेही पर इन कपड़ों को भी बरामद कर लिया है. आईजी की क्राइम टीम ने उससे पूछताछ की है.
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11 मई को की गई हत्या
11 मई को पल्हापुर गांव निवासी अनुराग सिंह उम्र 45 वर्ष उसकी पत्नी उम्र प्रियंका उम्र 40 वर्ष, मां सावित्री 62 की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं, प्रियंका के तीन बच्चे अरना 12 साल, अरवी 8 साल और पुत्र आद्विक चार साल को छत से फेंक दिया था. पुलिस के पहुंचने पर अनुराग के बड़े भाई अजीत ने बताया था कि नशे की लत की वजह से अनुराग ने मां सावित्री के साथ अपनी पत्नी प्रियंका व तीन बच्चों की हत्या कर दी. इसके बाद गोली मारकर खुद भी आत्महत्या कर ली. अनुराग ने उसे भी मारने का प्रयास किया लेकिन उसने कमरा बंद करके खुद की जान बचा ली.
शुरुआती दौर में पुलिस इन हत्याओं के लिए अनुराग को ही जिम्मेदार ठहरा रही थी. लेकिन डीजीपी प्रशांत कुमार के हस्तक्षेप के बाद आईजी रेंज तरुण गाबा खुद जांच करने मौके पर पहुंचे. रविवार को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुलिस की पूरी थ्योरी पलट दी. अनुराग के सिर में दो गोलियां मारे जाने की पुष्टि होने पर पुलिस ने अनुराग के ताऊ आरपी सिंह अजीत सिंह और उसकी पत्नी के साथ दो नौकरों समेत कई अन्य को हिरासत में लिया है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कई सवालों के जवाब देने में अजीत फंस गया.
दो और लोग भी शामिल
सख्ती से पूछताछ किये जाने पर अजीत ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. तीनों लोगों को गोली मारने के बाद बड़ी क्रूरता से बच्चों को मौत के घाट उतारा गया उनके शरीर में मिले चोटों के निशान इस बात की गवाही दे रहे हैं की हत्या करने वाले ने यह सुनिश्चित कर लिया था कि कोई जिंदा ना रह सके एसपी की मानें तो मौके पर फॉरेंसिक टीम ने एक असलहा भी बरामद किया है. वहीं खून से सना हथौड़ा भी बरामद हुआ है, हत्याकांड में अजीत के साथ दो से अधिक लोग शामिल थे. वे कौन हैं इसका पता नहीं चल सका है.
पूछताछ में क्या बोला अजीत?
सूत्रों के अनुसार, पुलिस पूछताछ में अजीत ने बताया है कि पिता का लोन चुकाने को लेकर अनुराग से अक्सर उसका विवाद होता था. अनुराग प्रॉपर्टी बेचकर लोन नहीं चुकाना चाहता था. जबकि, अजीत प्रॉपर्टी भेज कर पिता के लोन को चुकाना चाहता था. बस इसी बात को लेकर अजीत ने भाई और उसके पूरे परिवार को मार डाला. अपनी मां तक को नहीं बख्शा. मामले में जल्द ही और भी कई खुलासे होंगे. पुलिस की तफ्तीश जारी है. मृतका प्रियंका सिंह गोरखपुर के कैमियरगंज विधानसभा से विधायक फतेहबहादुर सिंह की भांजी थी. पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह उसके नाना थे.