राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: खुरचन पेड़े खाएंगे रामलला, 30 सालों से लग रहा इसी का भोग | ayodhya ram mandir pran pratishtha chandra sweets khurchan peda offer to ramlala stwas

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला को 56 भोग लगेगा. भगवान के लिए बेशक सीता रसोई से भोजन का इंतजाम किया जा रहा है, लेकिन मिठाई रामलला को अलग-अलग जगहों से लाकर दी जाएगी. पिछले 30 वर्षों से भी अधिक समय से अयोध्या के चन्द्रा स्वीट्स से भगवान को खुरचन पेड़ा भोग लगाया जा रहा है. इस बार 22 जनवरी को भी यहीं से भगवान के लिए मिठाई (खुरचन पेड़ा) जाएगी.
टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में दूकान के मालिक सुमित गुप्ता ने बताया कि यह उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा के दिन उनकी दुकान से निर्मित पेड़े का भोग ग्रहण करेंगे.
खास मौके के लिए तैयार की गई मिठाई
सुमित बताते हैं कि रामचंद्र परमहंस दास जी महाराज के समय से उनके यहां से खुरचन वाले पेड़े का भगवान को भोग लगता आ रहा है. प्रतिदिन दो से ढाई किलो पेड़ा भेजा जाता है. 9 नवंबर 2019 में जब श्रीराम जन्मभूमि पर फैसला आया था, तब भी उनके यहां से मिठाई गई थी. इसके साथ ही 5 अगस्त 2020 को जब श्रीराम जन्मभूमि का भूमि पूजन हुआ था, तब भी मिठाई यहीं से गई थी.
गांव से लाया जा रहा दूध
सुमित बताते हैं कि भगवान रामलला के भोग के लिए दूध भी विशेष रूप से मंगवाया जाता है. उन्होंने कहा कि चूंकी भगवान को विशेष भोग लगता है, इसलिए दूध की शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है. यही वजह है कि पैकेट वाले दूध की जगह गांव से खासतौर पर मंगवाया जाता है.
ताकि अधिक दिनों तक रहे मिठाई
सुमित बताते हैं कि प्रतिदिन उनके यहां का बना हुआ पेड़ा भगवान को भोग स्वरूप लगता है. भोग लगने के बाद प्रसाद के रूप में भक्तों के बीच वितरित भी होता है. उन्होंने बताया कि कई भक्त ऐसे हैं, जो भगवान रामलला के भोग लगे प्रसाद को अपने घर तक ले जाते हैं. इसलिए इस पेड़े को कुछ इस कदर बनाया जाता है, जिससे कि अधिक दिनों तक सही सलामत रहे.