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राजनीति कभी भी मेरा रास्ता नहीं रहा, न ही मेरी ऐसी मंशा रही TV9 से बोलीं साध्वी ऋतंभरा | Sadhvi Rithambara politics sadhu sant tv9 bharatvarsh 5 editors programme Ayodhya Ram Mandir

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख आंदोलनकारियों में से साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि मैं राम मंदिर आंदोलन में शामिल रही, लेकिन राजनीति कभी भी मेरा रास्ता कभी नहीं था. राम जन्मभूमि के लिए जो कुछ भी मैंने किया वो मेरी भूमिका थी, अब जो कर रही हूं वो मेरा सौभाग्य है.” उन्होंने यह भी कहा कि साधु-संतों की राजनीति में स्पष्ट नहीं की जा सकती. हमारी भूमिका समाज के लिए है, समाज जागृत होगा तभी भयमुक्त समाज का निर्माण होगा.

साध्वी ऋतंभरा ने टीवी9 भारतवर्ष के 5 एडिटर्स के खास कार्यक्रम में, यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में दावा किया है कि ‘राम नहीं है, वह मृथ्य है, राम तो माया है,’ से जुड़े सवाल पर कहा, “जिस सनातन को लंकेश की तलवार नहीं मिटाया जा सका, जिस सनातन को कंस की हुंकार नहीं मिटाया जा सका, वो सनातन क्या मिटेगा आज के नेताओं की बकवास से.’

‘हम राम के सत्य के लिए जूझ रहे थे’

क्या कभी आपके मन में नहीं आया कि सत्ता में आते, हम भी कहीं पर मुख्यमंत्री बनते, मंत्री बनते, से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम राम के सत्य के लिए जूझ रहे थे. सत्ता की तो कल्पना भी नहीं की थी, हमें इसकी चाह भी नहीं थी. लेकिन राजनीतिक परिवर्तन इस देश में होना चाहिए, जो हिंदुओं को गाली दिया जाना अच्छा नहीं लगता था. राम जानकी रथों पर जिस तरह के पहरे थे वो अच्छा नहीं लगता था. देश में कुछ लोगों को तो भारत मां को डायन कहने की आदत पड़ गई थी. उन्होंने आगे कहा कि हम स्वयं तो एक विराट वट वृक्ष हैं जिसकी छाया के नीचे सब शांति और शीतलता का अनुभव कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा, “मैं राम मंदिर आंदोलन के लिए एक गिलहरी की भूमिका निभा रही थी, और मेरे गुरुदेव की ओर से यही आदेश था. राजनीति के लिए मेरा रास्ता कभी नहीं था. हां, यह सही है कि विश्व हिंदू परिषद के मंच से राम मंदिर आंदोलन का काम किया था तो सभी लोगों ने मुझे कई तरह के टाइटल दिए. मैंने कई बार अपमान का सामना भी किया. आज दुनियाभर में कहीं भी जाती हूं तो 8-9 घंटे मेरी चोरों की तरह तलाशी ली जाती है. ये सारे खून के घूंट पीए. हमने हर तरह के जहर पीए, लेकिन राजनीति हमारी कभी मंशा नहीं रही. मैं सच बताऊं कि तो राम जन्मभूमि में जो कुछ मैंने किया वो मेरी भूमिका थी, अब कई जो वात्सल्य कर रही हूं वो मेरा सौभाग्य है.”

राजनीति में नीति शब्द धर्म का दिया हुआः साध्वी ऋतंभरा

धर्म और राजनीति को जोड़ दिया जा रहा है, आप साधु-संतों की राजनीति में क्या भूमिका देखती हैं, के सवाल पर साध्वी ऋतंभरा ने कहा, “साधु-संतों की राजनीति में भूमिका ऐसे स्पष्ट नहीं होती है. हमारी भूमिका समाज के लिए है, समाज जागृत होगा, सधा होगा, भय से मुक्त होगा तो सही का चयन कर पाएगा. राजनीति को राज्य का काम है. राष्ट्र भी तय करेगा कि हमारे राज्य की भूमिका क्या होगी. राजनीति में नीति शब्द ही धर्म का दिया हुआ है.”



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