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यूनिट खर्च कम, बिल आया लाखों में… मीटर रीडर लगा रहे थे ‘चूना’, नप गए 2 कर्मी

यूनिट खर्च कम, बिल आया लाखों में... मीटर रीडर लगा रहे थे 'चूना', नप गए 2 कर्मी

कॉन्सेप्ट इमेज.

गाजीपुर जिले में बिजली विभाग के द्वारा उपभोक्ताओं को मनमाना बिल भेजे जाने की शिकायत आए दिन सामने आती रहती है. लोगों का कहना है कि गलत बिल आ रहा है, जबकि मीटर रीडिंग के लिए विभाग ने मीटर रीडरों को लगाया है. खामियां न मिले, इसके लिए समय-समय पर कवायद भी होती रहती है. हाल ही में निगम ने 233 मीटरों का मनमाना बिल देने पर दो मीटर रीडर को कार्यमुक्त कर दिया.

इसके बाद से ही बिजली विभाग में कार्यरत मीटर रीडर में हड़कंप मचा हुआ है कि अब किसके ऊपर गाज गिरने वाली है, क्योंकि अधिकतर मीटर रीडर उपभोक्ताओं के घर पहुंचने के बजाय घर बैठे ही मनमाना बिजली का बिल बनाकर उपभोक्ताओं को भेजते थे और उसे सही करने के नाम पर वसूली भी किया करते थे.

कई महीनों से मिल रही थी शिकायत

बिजली विभाग खंड-2 के आम घाट के अधिशासी अभियंता आशीष शर्मा को मोहम्मदाबाद क्षेत्र के मीटर रीडर राज नारायण खरवार और बलिराम यादव को विभाग के मानक के अनुसार मीटर की रीडिंग नहीं किए जाने की शिकायत मिल रही थी, जिसको देखते हुए उन्होंने दोनों को कार्य मुक्त कर दिया. साथ ही उनकी आईडी बंद करने के लिए संबंधित कंपनी को पत्र भी भेज दिया.

दोनों कर्मियों को हटाया गया

अधिशासी अभियंता के द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार, राज नारायण खरवार ने 133 और बलराम यादव ने 200 मीटरों की रीडिंग मनमाने तरीके से की थी, जिसकी उपभोक्ताओं ने शिकायत की थी और जांच करने पर उपभोक्ताओं की शिकायत सही पाई गई. इसके बाद अधिशासी अभियंता ने तत्काल प्रभाव से दोनों मीटर रीडरों को हटा दिया.

आउटसोर्सिंग कंपनी ने की थी इनकी नियुक्ति

जानकारी के मुताबिक, मीटर रीडर की नियुक्ति आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से की जाती है. मीटर रीडिंग करने के लिए इन लोगों को मशीन भी दी जाती है, जिसके केबल को उपभोक्ताओं के मीटर में लगाने पर उपभोक्ता के मीटर की रीडिंग और उसका लोड सब कुछ सही तरीके से मीटर रीडर के मशीन में आ जाती है. हालांकि इन मीटर रीडरों के द्वारा घर बैठे ही मीटर रीडिंग की जा रही थी और उपभोक्ताओं को गलत बिजली बिल भेज कर उन्हें विभाग के चक्कर काटने को मजबूर किया जा रहा था.

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