महाकुंभ में क्या फर्जी बाबाओं की एंट्री होगी बैन? अखाड़ा परिषद तैयार कर रहा लिस्ट | hathras incident akhil bharatiya akhada parishad make list of fake saints entry ban in mahakumbh 2025 stwas


कॉन्सेप्ट इमेज.
हाथरस हादसे के बाद से फर्जी बाबा निशाने पर हैं. जहां इनको लेकर आम जनता में रोष व्याप्त है तो वहीं संत समाज भी इनसे नाराज है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तरफ से फर्जी बाबाओं पर बड़ा बयान दिया गया है. अखाड़ा परिषद के संतों-महंतों ने इनके खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. अखाड़ा परिषद का कहना है कि हाथरस की घटना के पीछे कौन है, वो कौन सा संत है और कैसे संत बना, इसकी जांच होनी चाहिए. देश की भोली जनता को योगी का चोला पहनकर गुमराह करने वाले फर्जी बाबाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
2025 में संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ लगने वाला है. महाकुंभ को लेकर भव्य तैयारियां की जा रही हैं. प्रशासन के साथ-साथ अखाड़ा परिषद भी अपनी तैयारियों में जुटा है. इसी बीच हाथरस की घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने एक बड़ा निर्णय लिया है. अखाड़ा परिषद का कहना है कि फर्जी बाबाओं के कारण संत समाज बदनाम हो रहा है. संत समाज का आत्म सम्मान गिरा है. महाकुंभ से पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ऐसे फर्जी संतों की सूची जारी करेगा और इनके खिलाफ एक गाइड लाइन तैयार करने की मांग मेला प्रशासन से करेगा.
18 जुलाई को अखाड़ा परिषद और मेला प्राधिकरण की बैठक
प्रयागराज में मेला प्राधिकरण और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साधु-संतों की बैठक 18 जुलाई को प्रस्तावित है. इस बैठक में फर्जी संतों को लेकर आवाज उठाए जाने की तैयारी की जा रही है. फर्जी संतों को कुंभ के मंच पर स्थान न दिए जाने की मांग की जाएगी. हाथरस में हुई घटना पर अखाड़ा परिषद से जुड़े महंतों और संतों ने कहा कि ऐसे लोगों को बाबा या संत कहा ही क्यों जाता है. ये कथावाचक हो सकते हैं, प्रचारक हो सकते हैं, इन्हें संत नहीं कहा जा सकता है.
फर्जी बाबाओं की सूची तैयार होगी
साधु-संतों ने कहा कि इनके खिलाफ शासनादेश जारी करना चाहिए. महाकुंभ से पहले फर्जी बाबाओं की सूची प्रशासन को दी जाएगी और इन्हें हटाने के लिए कहा जाएगा. हाथरस कि घटना की सही सही जांच होनी चाहिए, ताकि ये पता चल सके कि ये कौन लोग हैं और इतना बड़ा आयोजन कैसे हुआ. जिनके घर के लोगों की इस घटना में मौत हुई है, उनके साथ हमारी पूरी संवेदना है. संतों ने आह्वान किया कि अब लोग भी जागरूक हो जाएं, ताकि फर्जी बाबाओं का चोला पहनने वालों के चक्कर में गुमराह न हों.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े संतों का कहना है कि ऐसे लोग चमत्कार के नाम पर जनता को गुमराह कर भीड़ जुटाते हैं और यही लोग संतों को बदनाम करते हैं. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंतों ने कहा कि 18 जुलाई को जिला प्रशासन के साथ बैठक होगी. इसमें फर्जी बाबा का चोला पहनने वालों के खिलाफ नियम बनाने के लिए प्रशासन से कहा जाएगा.
हाथरस हादसे में 123 श्रद्धालुओं की मौत
बीती दो जुलाई को हाथरस में एक बड़ी घटना हुई थी. नारायण साकार विश्व हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के सत्संग में भगदड़ मचने से 123 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 31 के करीब घायल हो गए थे. मरने वालों में सबसे ज्यादा महिलाएं थीं. इस घटना के बाद से नारायण साकार विश्व हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ निशाने पर आ गए थे. लोगों का कहना था कि नारायण साकार हरि संत हैं ही नहीं. वह ढोंगी और पाखंडी हैं. आम लोगों के साथ-साथ संतों-महंतों ने भी नारायण साकार हरि के खिलाफ आवाज उठाई थी और कहा था कि ऐसे लोग पाखंड करके बाबा बने हैं. इन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.