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नई पार्टी बना सकते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य, चुनाव से पहले अखिलेश को लग सकता है बड़ा झटका | Samajwadi Party leader Swami Prasad Maurya new party Speculation

नई पार्टी बना सकते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य, चुनाव से पहले अखिलेश को लग सकता है बड़ा झटका

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य

आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है. हाल ही पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर नई अटकलें सामने आने लगी हैं. सूत्रों के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी नई पार्टी बना सकते हैं.

राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य 22 फरवरी को अपनी नई पार्टी का ऐलान भी कर देंगे. हालांकि, उनकी ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को एक चिट्ठी भी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने पार्टी पर अनदेखी करने का आरोप लगाया था.

‘हमने पच्चीस तो हमारा है, 15 में भी बंटवारे का नारा दिया’

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अखिलेश यादव को लिखे पत्र में मौर्य ने कहा था कि जब से मैं समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ हूं, लगातार जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है. जिस दिन मैं सपा में शामिल हुआ था उस दिन मैंने ‘पच्चीस तो हमारा है, 15 में भी बंटवारे’ का नारा दिया था. हमारे महापुरुषों ने भी इसी तरह की लाइन खींची थी. चिट्ठी में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कई और बड़े नेताओं के नारा का जिक्र किया.

2022 के विधानसभा चुनाव में बढ़ी विधायकों की संख्या

उन्होंने आगे लिखा था कि पार्टी की ओर से उनके नारे को निष्प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है. 2022 के विधानसभा चुनाव में सैकड़ों उम्मीदवारों का पर्चा और सिंबल दाखिल किए जाने के बाद अचानक किए बदलाव के बाद भी हम पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सफल रहे. उसी का परिणाम था सपा के विधायकों की संख्या बढ़ गई. एक समय कहां 45 विधायक थे, जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में इनकी संख्या 110 पहुंच गए.

कुछ बड़े नेता मेरे बयान को निजी बताकर टालते हैं

मौर्य ने कहा कि विधायकों की संख्या बढ़ने के बाद भी आपने मुझे विधान परिषद में भेजा और ठीक इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव बनाया. इस सम्मान के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद. उन्होंने आगे कहा, पार्टी के कुछ छुटभैये व कुछ बड़े नेता मौर्य जी का निजी बयान है कहकर कुंठित करने की कोशिश करते हैं. इसके बाद भी मैंने अन्यथा नहीं लिया. इसके बाद जब मैंने पाखंड व आडंबर पर हमला बोला तब भी पार्टी के कुछ लोग इसी प्रकार की बात करते हुए नजर आए.

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