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ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की जीत, सुप्रीम कोर्ट ने सील एरिया में सफाई का दिया आदेश | varanasi gyanvapi case supreme court hindu side seal area cleaning Plea

ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की जीत, सुप्रीम कोर्ट ने सील एरिया में सफाई का दिया आदेश

ज्ञानवापी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सील एरिया में सफाई की मांग वाली याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी के सील एरिया को खुलवाकर तत्काल सफाई की मांग की याचिका दायर की थी. हिंदू पक्ष की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और सफाई का आदेश दिया है. कोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की देखरेख में सफाई की इजाजत दी है.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मस्जिद पक्ष ने कहा कि उनको इस याचिका पर कोई ऐतराज नहीं है. हिंदू पक्ष ने कथित शिवलिंग के टैंक में मछलियों की मौत के बाद फैली गंदगी को तत्काल साफ कराने की मांग की थी. हिंदू पक्ष का कहना है कि चूंकि हमारी मान्यता के मुताबिक वहां पर शिवलिंग मौजूद है और शिवलिंग को किसी भी तरह की गंदगी, मरे हुए जीवों से दूर रखा जाने की जरूरत है. इस तरह की गंदगी के बीच शिवलिंग का रहना असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं को आहत करने वाला है.

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की लिस्ट के मुताबिक ये मामला 19 जनवरी को सुनवाई पर लगा है. बेहतर होगा अगर कोर्ट इससे पहले की सुनवाई की कोई तारीख दे दे. चीफ जस्टिस ने कहा कि आप इसके लिए ईमेल भेजिए और रजिस्ट्री के सामने मामला रखिए. हम देखेंगे कि मामला कब सुनवाई के लिस्ट किया जा सकता है.

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350 साल पुराना है मामला

वहीं, हिंदू पक्ष ने उस जगह पर मंदिर बहाल करने की मांग की है जहां मौजूदा समय में ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है. हिंदू पक्ष के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद, मंदिर का हिस्सा है. बता दें कि ज्ञानवापी परिसर का विवाद करीब 350 साल पुराना है जब मुगल बादशाह औरंगजेब का शासन हुआ करता था. हिंदू पक्ष का कहना है कि 1669 में औरंगजेब के आदेश पर मंदिर ध्वंस्तक करके वहां मस्जिद बनाई गई.

21 जुलाई, 2023 को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण ने सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को एएसआई सर्वे को मंजूरी प्रदान कर दी. इस दौरान अदालत ने यह भी साफ किया कि अगर किसी मामले में सर्वेक्षण से स्थिति स्पष्ट होती है तो किसी पक्ष को परेशानी नहीं होनी चाहिए.

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