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खाड़ी देशों से अकेले जंग लड़ने वाला इजरायल, हमास के सामने झुका, भेजा जंग खत्म करने का पैगाम

Israel Hamas War: इजरायल ने युद्ध समाप्त करने की पेशकश की है. इजरायल का कहना है कि अगर सभी बंधकों को एक साथ रिहा कर दिया जाए, गाजा को निरस्त्र कर दिया जाए तो सिनवार को जाने दिया जाएगा. हाल ही में वाशिंगटन में चर्चा किए गए प्रस्ताव में गाजा पट्टी के लिए नई व्यवस्था की भी बात कही गई है. बंधकों के रिश्तेदारों ने योजना की सराहना की, लेकिन हमास के अधिकारी ने इसे ‘हास्यास्पद’ बताकर तुरंत खारिज कर दिया.

कान न्यूज ने गुरुवार (19 सितंबर) को बताया कि इजरायल ने एक प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत गाजा पट्टी में लड़ाई समाप्त की जाएगी और हमास के प्रमुख को सुरक्षित तरीके से वहां से बाहर निकलने का रास्ता दिया जाएगा. इसके बदले में गाजा में बंधक बनाए गए सभी लोगों को तुरंत रिहा किया जाएगा, गाजा पट्टी को सैन्य मुक्त किया जाएगा और वहां एक वैकल्पिक शासकीय सत्ता की स्थापना की जाएगी. 

अमेरिकी अधिकारियों के सामने पेश की योजना

टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक इजरायली अधिकारी ने कहा कि बंधकों के मामले में सरकार के प्रतिनिधि गैल हिर्श ने यह योजना अमेरिकी अधिकारियों के सामने पेश की थी, जिनसे यह अपेक्षा की गई थी कि वे इसे अनिर्दिष्ट अरब अधिकारियों को सौंपेंगे. कान न्यूज ने बताया कि हिर्श ने बंधकों के परिवारों को बताया कि यह प्रस्ताव पिछले सप्ताह व्हाइट हाउस और विदेश विभाग के अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक में पेश किया गया था. 

कान न्यूज के मुताबिक, प्रस्ताव के तहत गाजा पट्टी में अब भी बंधक बनाए गए सभी 101 बंधकों को तुरंत वापस लौटा दिया जाएगा और इजरायल युद्ध खत्म कर देगा, जिसमें बंधकों की चरणबद्ध रिहाई और सैनिकों की क्रमिक वापसी की बात नहीं की गई है, जिस पर अब तक चर्चा चल रही थी. इजरायल अपनी जेलों से अनिर्दिष्ट संख्या में फिलिस्तीनी कैदियों को भी रिहा करेगा, व्यापक रूप से 7 अक्टूबर के हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले सिनवार को गाजा पट्टी छोड़ने की इजाजत देगा.

हमास ने खारिज किया प्रस्ताव 

वहीं, हमास पोलित ब्यूरो के सदस्य गाजी हमद ने इस प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर दिया और अल-अरबी अल-जदीद से कहा, “सिनवार के बाहर निकलने का प्रस्ताव हास्यास्पद है और कब्जे के दिवालियापन की ओर इशारा करता है.” हमाद ने कहा, “यह आठ महीने की बातचीत के दौरान जो कुछ हुआ, उससे कब्जेदारों के इनकार की पुष्टि करता है. इजरायल के अड़ियल रुख के कारण बातचीत अटकी हुई है.”

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