उपचुनाव में क्या अखिलेश राहुल की जोड़ी रहेगी बरकरार? कांग्रेस पश्चिमी UP नहीं पूर्वांचल में भी मांग रही सीट | Akhilesh Yadav Rahul Gandhi jodi By election Western UP Purvanchal Congress vs SP


राहुल गांधी, अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस मिलकर 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सियासी मात देने में सफल रही. अब बारी यूपी में होने 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की है, जिसमें 9 सीटें विधायकों के लोकसभा सांसद चुने जाने के चलते खाली हुई हैं तो कानपुर की सीसामऊ सीट विधायक इरफान सोलंकी की सदस्यता जाने से रिक्त हुई है. यूपी के दो लड़कों की जोड़ी राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच सियासी कैमिस्ट्री बहुत अच्छी दिख रही है, जो उपचुनाव में भी दिख सकती है. कांग्रेस पश्चिम यूपी के साथ-साथ पूर्वांचल के इलाके की सीटों पर उपचुनाव लड़ने का प्लान बनाया है, लेकिन सपा क्या रजामंद होगी?
यूपी की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव है, उसमें करहल, मीरापुर, खैर, फूलपुर, मझवा, कुंदरकी, गाजियाबाद, कटेहरी, मिल्कीपुर और सीसामऊ सीट है. इनमें से 5 विधानसभा सीटें सपा कोटे की खाली हुई हैं तो 3 सीटें बीजेपी की रिक्त हुई हैं. इसके अलावा एक सीट आरएलडी और एक सीट निषाद पार्टी की है. यह उपचुनाव एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के लिए काफी अहमियत रखता है. ऐसे में दोनों ही गठबंधन एक-दूसरे की सीटें कब्जा करने की कोशिश में है, लेकिन उससे पहले सीट बंटवारा भी कम अहम नहीं है.
कांग्रेस की चार सीटों की डिमांड
कांग्रेस भी उपचुनाव में सपा से सीटें मांग रही है, कितनी सीटों पर समझौता होता है यह तो दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व की बैठक में ही तय होगा. कांग्रेस की ओर से यूपी की 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में लगातार दावेदारी की जा रही है. माना जा रहा है कि सपा उपचुनाव में कांग्रेस को गाजियाबाद और अलीगढ़ की खैर सीट दे सकती है, लेकिन यूपी कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए पांच सीटों का चयन किया है. फूलपुर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, अलीगढ़ की खैर, मिर्जापुर की मझवा और गाजियाबाद सीट है.
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कांग्रेस नेता ने नाम न सार्वजिनक न करने पर कहा कि सपा की 2022 में जीती हुई विधानसभा सीटों पर हम दावा नहीं कर रहे हैं बल्कि बीजेपी और एनडीए के कब्जे वाली सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं. कांग्रेस नेता ने साफ कहा कि गाजियाबाद सीट को हम नहीं लेंगे पश्चिमी यूपी में मीरापुर और खैर सीट पर उपचुनाव लड़ने की तैयारी पार्टी कर रही है. पूर्वांचल की फूलपुर और मझवा सीट को लेकर कांग्रेस ने प्लानिंग की है. कांग्रेस पूर्वांचल और पश्चिमी दोनों ही इलाके की सीटों पर उपचुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है.
फूलपुर सीट बीजेपी के विधायक प्रवीण पटेल के फूलपुर से सांसद चुने जाने के चलते खाली हुई है. इसी अलीगढ़ की खैर सीट अनूप प्रधान वाल्मीकि के हाथरस से सांसद बने हैं. गाजियाबाद सीट से बीजेपी विधायक डॉ. अतुल गर्ग गाजियाबाद से सांसद बने. निषाद पार्टी के मिर्जापुर के मझवां से विधायक डा. विनोद कुमार बिंद अब भदोही बनने के चलते खाली हुई. आरएलडी के मीरापुर के विधायक चंदन चौहान बिजनौर से सांसद बन गए हैं. एनडीए के 2022 में कब्जे वाली सीटों में से ही कांग्रेस मांग रही है, लेकिन सपा क्या रजामंद होगी?
सपा क्या पूरी करेगी कांग्रेस की मांग
इंडिया गठबंधन के पाास जहां लोकसभा चुनाव की तर्ज पर उपचुनाव में भी आपसी समन्वय बनाकर अच्छा प्रदर्शन दिखाकर 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने गठबंधन को और मजबूत करने का मौका है, लेकिन कांग्रेस के मन के मुताबिक सपा सीट देने के मूड में नहीं है. सपा यूपी में कांग्रेस को सीटें देने को लेकर एक अलग रणनीति पर काम करती दिख रही है. सपा यूपी में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने के मूड में है, जिसमें एक सीट अलीगढ़ की खैर और दूसरी गाजियाबाद सीट है. पश्चिमी यूपी की दोनों सीटें है और पूर्वांचल की एक भी सीट नहीं दे रही है.
इस क्रम में उसकी नजर इसी साल होने वाले हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर है. समाजवादी पार्टी इन दोनों राज्यों में अपना पैर पसारने की कोशिश में है, जिसके लिए कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय करना चाहती है. उपचुनाव में सीट बंटवारे से पहले सपा की नजर कांग्रेस की रणनीति पर है. कांग्रेस महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में सपा को हिस्सेदारी देती है,तभी पार्टी यूपी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के लिए सीटें छोड़ सकती है. ऐसे में देखना है कि कांग्रेस को कितनी सीटें सपा उपचुनाव में देती है?