अयोध्या: राम मंदिर के पास अत्याधुनिक पार्किंग, कितनी होगी क्षमता और कितना होगा खर्च?

अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक आधुनिक ओपन सरफेस पार्किंग के निर्माण का निर्णय लिया है. यह पार्किंग इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड के तहत बननी शुरू हो गई है. परियोजना की कुल लागत 16,557.74 लाख रुपये आंकी गई है. यह पार्किंग मांझा जमथरा के पास सरकारी जमीन पर 35 एकड़ क्षेत्र में विकसित होगी.
परियोजना का निर्माण लोक निर्माण विभाग की सीडी-2 इकाई द्वारा कराया जाएगा. इसमें एक साथ 475 वाहन खड़े हो सकेंगे. पार्किंग की सुविधा न केवल श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित करने में मदद करेगी, बल्कि अयोध्या में यातायात प्रबंधन को भी सुगम बनाएगी. परियोजना में पांच मंजिला इमारत का निर्माण शामिल है, जिसमें दो डॉरमेट्री और तेरह दुकानें भी होंगी. यह सुविधाएं श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए अतिरिक्त सुविधा प्रदान करेंगी.
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. हर दिन लाखों लोग मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. जिसके कारण पार्किंग और यातायात व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बन गई है. योगी सरकार का यह कदम अयोध्या को एक विश्वस्तरीय धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण है. सरकार ने पहले ही अयोध्या में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें सड़क, पुल, होटल और अन्य सुविधाएं शामिल हैं. इस पार्किंग परियोजना से स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि दुकानों और डोरमेट्री की सुविधा से पर्यटकों को ठहरने और खरीदारी की सुविधा मिलेगी.
ईपीसी मोड से आएगी कार्य में गुणवत्ता
इस पार्किंग में 475 वाहनों को एक साथ पार्क करने की जगह होगी. इसमें छोटे और बड़े वाहनों के लिए अलग-अलग क्षेत्र निर्धारित किए जाएंगे. पांच मंजिला इमारत में पार्किंग के साथ-साथ दो डोरमेट्री होंगी, जो श्रद्धालुओं के लिए रुकने की सुविधा प्रदान करेंगी. तेरह दुकानों का निर्माण होगा, जहां स्थानीय उत्पादों, प्रसाद और अन्य वस्तुओं की बिक्री होगी. ईपीसी मोड के तहत यह परियोजना समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरी होगी.
ईपीसी मोड का लाभ
ईपीसी मोड में निर्माण एजेंसी को डिजाइन, सामग्री की खरीद और निर्माण की पूरी जिम्मेदारी दी जाती है. इससे परियोजना की लागत और समय दोनों में पारदर्शिता बनी रहती है. लोक निर्माण विभाग की सीडी-2 के अधिशाषी अभियंता उमेश चंद्र ने बताया कि यह इकाई इस परियोजना को निर्धारित समयसीमा में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
स्थानीय लोगों के लिए अवसर
इस परियोजना से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. निर्माण कार्य के दौरान मजदूरों, इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों की आवश्यकता होगी. इसके अलावा, दुकानों और डोरमेट्री के संचालन से स्थानीय व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को लाभ होगा.