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Year Ender 2023: 10 बीघा जमीन… और गांव में बिछ गई 6 लाशें, जब देवरिया में हुआ मौत का तांडव | Year Ender 2023 Deoria massacre 6 People murdered in Fatehpur village on land dipute

Year Ender 2023: 10 बीघा जमीन... और गांव में बिछ गई 6 लाशें, जब देवरिया में हुआ मौत का तांडव

देवरिया हत्याकांड

साल 2023 के बीतने में मात्र कुछ दिन बचे हैं. इस साल कुछ ऐसी वारदातें हुईं, जो कि हमेशा के लिए जहन में बनी रहेंगी. ऐसी ही एक वारदात उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की है. इस वारदात को देवरिया हत्याकांड नाम दिया गया. यह वारदात 2 अक्टूबर की सुबह हुई. जहां 6 लोगों की एक साथ हत्या कर दी गई. इनमें से मरने वाले 5 लोग एक ही परिवार के थे. इस जघन्य हत्याकांड से पूरे सूबे में हड़कंप मच गया. पुलिस प्रशासन तक के हाथ पैर फूल गए.

घटना को जानकर सबके मन में एक ही सवाल था कि आखिर क्यों इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया? पुलिस की जांच पड़ताल में वारदात के पीछे की वजह दो पक्षों के बीच जमीनी विवाद सामने आई. 10 बीघा जमीनी विवाद के चलते 2 अक्टूबर की सुबह रुद्रपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव का लेहड़ा टोला गोलियों की तड़तड़ाहट और धारदार हथियारों की मारकाट से दहल उठा.

मंजर देख लोगों की कांपी रूह

देखते ही देखते स्थानीय लोगों को पता चला कि 6 लोगों की हत्या कर दी गई. इसमें से एक प्रेमचंद्र यादव था. बाकी के 5 लोग सत्यप्रकाश दुबे परिवार के थे. इस वारदात ने देवरिया से लेकर राजधानी लखनऊ तक हड़कंप मचा दिया. पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया. वारदात वाले घर से एक-एक कर लाशें निकाली जानें लगी. यह मंजर देख सभी की रूह कांप गई.

गोली और धारदार हथियारों से ली 5 की जान

बता दें कि प्रेम यादव और सत्यप्रकाश दुबे के परिवार के बीच जमीनी विवाद को लेकर पुरानी रंजिश चली आ रही थी. प्रेम यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका था. फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोला में 2 अक्टूबर की सुबह-सुबह प्रेमचंद यादव की हत्या कर दी गई. हत्या का शक सीधे तौर पर सत्यप्रकाश दुबे के परिवार पर गया. क्योंकि प्रेम यादव का शव उन्हीं के घर के पास पड़ा हुआ मिला. इसी खुन्नस में मृतक प्रेम यादव के परिवार और उनके समर्थक सत्यप्रकाश दुबे के घर पर गोली, धारदार हथियारों और लाठी डंडों से धावा बोल दिया.

इस तरह बची दो बेटों की जान

सत्यप्रकाश दुबे के घर पर जो भी मिला मृतक यादव के परिवारवालों ने उसे मौत के घाट उतार दिया. इस खूनी संघर्ष में सत्यप्रकाश, उसकी पत्नी किरण दुबे, दो बेटी सलोनी और नंदिनी और बेटे दीपेश उर्फ गांधी की मौके पर मौत हो गई. एक बेटा अनमोल बुरी तरह से घायल हो गया. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी जान बच गई. वहीं, एक बेटा पूजा-पाठ के कराने के लिए बलिया गया हुआ था. इस वजह से उसकी भी जान बच गई.

2 दर्जन से अधिक आरोपी अरेस्ट

मृतक प्रेम यादव और दुबे के परिवार के 5 लोगों की एक साथ अर्थी उठने से गांव में मातम पसर गया. घटनास्थल पर खून ही पसरा हुआ था. सभी चश्मदीदों के चेहरों पर कई दिनों तक खामोशी छाई रही. पुलिस ने आनन-फानन में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. पुलिस ने दोनों पक्षों में 33 नामजद, 50 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया. पुलिस ने दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया. साथ ही पुलिस ने हत्याकांड में इस्तेमाल बंदूक, लोहे की रॉड, फावड़ा और लाठी-डंडे बरामद किए थे. आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सीएम योगी खुद इस पूरे हत्याकांड में नजर बनाए हुए थे.

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