विधानसभा चुनाव में INDIA गठबंधन में सपा कांग्रेस आमने सामने, कैसे मिटेंगी दूरियां? | SP Congress face to face INDIA alliance assembly elections how will the distances be bridged


राहुल गांधी और अखिलेश यादव
इंडिया गठबंधन की अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं. पहली पटना में हुई जबकि दूसरी बैठक बेंगलुरु में. इस बैठक में विपक्षी एकता का नाम तय हुआ. इसके बाद मुंबई की बैठक में INDIA गठबंधन की तरफ की ओर से कई कमेटियों का ऐलान किया गया. इन बैठकों के बाद दिल्ली में हुई गठबंधन की कोआर्डिनेशन कमेटी की मीटिंग हुई, जिसमें आम सहमति से जातीय जनगणना की मांग पर फैसला हुआ.
इसी बैठक में तय हुआ कि 30 अक्टूबर तक सीटों के बंटवारे के लिए एक फार्मूला बना लिया जाए. मीटिंग में मौजूद नेताओं की तरफ से कहा गया कि राज्य स्तर पर पार्टियों के बीच सीटों का समझौता होगा. इन सभी रणनीति पर आगे बढ़ा जाता, उससे पहले ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव आ गए. गठबंधन की अगुवाई कर रही कांग्रेस और उसके नेता इन चुनावों में लग गए, तब से INDIA गठबंधन का कामकाज ठप्प पड़ा है.
घटक दल चाहते हैं कि INDIA गठबंधन की बैठक जल्द से जल्द हो. अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है. कांग्रेस 3 नवंबर का इंतजार कर रही है. पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि उनके लिए खुशखबरी बस आने वाली है. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन को लेकर कांग्रेस के रुख पर अपनी नाराजगी पहले ही जता चुके हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव तो इन दिनों कांग्रेस का नाम सुनते ही लाल पीले हो जाते हैं.
सपा-कांग्रेस के रिश्तों में आई दरार
मध्य प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक दूसरे के खिलाफ दिखाई दिए. सत्तर सीटों पर अखिलेश यादव के प्रत्याशी अकेले चुनाव लड़ चुके हैं. दोनों पार्टी के रिश्तों में इस कदर खटास हो चुकी है कि चुनाव के दौरान कमलनाथ और अखिलेश यादव ने एक-दूसरे पर जमकर हमला किया. बात एक-दूसरे को देख लेने तक पहुंच गई. चुनाव से पहले तय तो ये हुआ था कि दोनों पार्टियों के बीच चुनावी तालमेल होगा, पर गठबंधन में होने के बावजूद रिश्तों में घालमेल हो गया. कमलनाथ ने कह दिया कि INDIA गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए है, विधानसभा के लिए नहीं.
यूपी में सपा को तोड़ रही कांग्रेस
यूपी में कांग्रेस ने तो अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अखिलेश का नाम लिए बग़ैर उनके बारे में आपत्तिजनक बयान दिया है. जवाब में अखिलेश यादव ने उन्हें ‘चिरकुट’ तक कह दिया. बात यहीं नहीं रुकी है. कांग्रेस ने तो समाजवादी पार्टी के नेताओं को तोड़ने का अभियान तक चला रखा है. बारी-बारी से समाजवादी पार्टी के नेता तोड़े जा रहे हैं. उन्हें गाजे-बाजे के साथ कांग्रेस में शामिल किया जा रहा है. पहले समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रवि प्रकाश वर्मा को कांग्रेसी बनाया गया, फिर प्रमोद पटेल को. समाजवादी पार्टी छोड़ने के बाद दोनों नेताओं ने अखिलेश यादव को नाकाबिल बताया. उनके नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए. अखिलेश यादव और उनकी टीम इस बात से बहुत नाराज़ है.
INDIA गठबंधन की बैठक में सपा उठाएगी मुद्दा
पार्टी के एक सीनियर लीडर ने कहा ऐसे हालात में गठबंधन कैसे हो सकता है. उनका कहना है कि ताली तो दोनों हाथों से बजती है. इंडिया गठबंधन की अगली बैठक में समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को उठाएगी. मीटिंग में ये बात रखी जाएगी कि सहयोगी दल एक दूसरे की पार्टी के नेताओं को न तोड़ें. जैसा यूपी में कांग्रेस अभी समाजवादी पार्टी के साथ कर रही है. ऐसा करना गठबंधन धर्म के खिलाफ है. समाजवादी पार्टी के सांसद रहे एक वरिष्ठ नेता ने कहा अगर हम भी यूपी में ऐसा ही करने लगे तो क्या होगा! इसीलिए इंडिया गठबंधन के घटक दल ऐसा कोई काम न करें जिससे एक दूसरे का नुकसान हो. मतलब ये है कि नो पोचिंग का फार्मूला बने.
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