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अपराधियों को संरक्षण देने वाले क्या जानें मठाधीश-माफिया का अंतर, अखिलेश के बयान पर भड़के संत

अपराधियों को संरक्षण देने वाले क्या जानें मठाधीश-माफिया का अंतर, अखिलेश के बयान पर भड़के संत

अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)

समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव के ‘मठाधीश’ बयान पर सूबे के साधु-संत नाराज हो गए हैं. संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 से पहले अखिलेश यादव के मठाधीश और माफिया वाले बयान पर अखाड़ों ने कड़ी नाराज़गी जताई है. श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के महंतों ने अखिलेश के इस बयान की निंदा की है और चेतावनी दी है कि अखिलेश अपने इस बयान पर संत समाज से माफी मांगें. यही नहीं महंतों ने कहा कि अखाड़े महाकुंभ 2025 में अखिलेश यादव का बहिष्कार करेंगे.

धर्माचार्यों ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव का सनातन धर्म के खिलाफ ऐसे बयान देना गलत है. अगर अखिलेश की जुबान भी फिसल गई तो अपने बयान पर समय रहते क्षमा मांग लें. अखिलेश यादव खुद माफियाओं को बढ़ावा दे रहे हैं.

धर्म के खिलाफ बोलना गलत

उन्होंने कहा कि माफियाओं को संरक्षण देने का काम अखिलेश यादव का है. संतों ने कहा कि उनके अंदर बचपना है, लेकिन मुलायम सिंह यादव संत समाज को समझते थे. किसी भी धर्म के खिलाफ ऐसा बोलना गलत है. अन्य धर्मों के प्रति अखिलेश यादव ने कभी कुछ नहीं बोला. संतों ने कहा कि मठाधीश-माफिया का अंतर और मठ-मंदिर की मर्यादा अखिलेश यादव नहीं जानते. मठाधीश को माफिया से जोड़ना निकृष्टता का परिचायक है.

अखिलेश यादव का बयान बेहद निंदनीय

श्रीपंचायती अखाड़ा उदासीन निर्वाण के महंत दुर्गा दास ने कहा कि अखिलेश यादव का बयान बेहद निंदनीय है. मठाधीश तो सभी संत होते हैं, सबकी गद्दी होती है. अखिलेश यादव का ऐसा कहना गलत बात है. मठाधीश की तुलना सनातन धर्म में भगवान से की गई है. वहीं अखाड़े से जुड़े महंत मुखिया अद्वेतआनंद ने कहा कि अखिलेश का संत समाज महाकुंभ में बहिष्कार करेगा. उनके ऐसे बयान से संत समाज आहत है.

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