Lookout Notice Issued Against Fugitive Amritpal Singh How It Helps In Catching Criminals What Is Lookout

Amritpal Singh Lookout Notice: ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख खालिस्तानी समर्थक भगोड़ा अमृतपाल सिंह को फरार हुए लगातार पांच दिन हो चुके हैं. उसको पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है और विभिन्न स्थानों पर दबिश भी दे रही है. पंजाब पुलिस के आईजी हेडक्वार्टर सुखचैन सिंह गिल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि भगोड़े अमृतपाल सिंह के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) और गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया है, उसकी गिरफ्तारी को लेकर लगातार पुलिस की कोशिशें जारी हैं. इस कार्रवाई में दूसरे राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों का पूरा सहयोग मिल रहा है. उन्होंने अमृतपाल की कई तस्वीरें शेयर करते हुए लोगों से उसकी जानकारी देने की अपील की है.
154 लोगों की हुई गिरफ्तारी
इससे पहले गिल ने खुलासा किया था कि अमृतपाल के साथ ब्रेजा कार में सवार चार साथियों मनप्रीत सिंह उर्फ मन्ना, गुरप्रीत सिंह, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी और गुरभेज सिंह उर्फ तेजा को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने तलवारें, 315 बोर की दो राइफल और एक वॉकी-टॉकी बरामद किया है और इस मामले में कुल 154 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. साथ ही, भगोड़े अमृतपाल सिंह को लेकर इंटरनेशनल बॉर्डर और राज्यों में भी हाई अलर्ट है.
क्या होता है लुकआउट नोटिस?
लुक आउट नोटिस को केंद्र सरकार के उन विभागों के माध्यम से जारी किया जाता है, जिन विभागों के तहत आरोपी शख्स के उपर कार्यवाही चल रही होती है और मौका मिलते ही उसके देश छोड़ कर भागने का शक होता हो. ये सारे विभाग गृह मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं. लुक आउट नोटिस के जरिये अपने देश से पड़ोसी देश की तरफ जाने के सारे एयरपोर्ट्स और सड़क मार्गों को यह सूचना दी जाती है कि आरोपी शख्स को बाहर जाने से रोका जाए. लुक आउट नोटिस के माध्यम से ही किसी भी शख्स के खिलाफ विदेश जाने से रोकने और जांच करने का अधिकार होता है. एयरपोर्ट, पोर्ट्स (बंदरगाह) और अन्य संभावित जगहें, जहां से विदेश जाने का रास्ता हो, वहां के बड़े अधिकारियों को ऐसे अपराधी या वांछित किस्म के शख्स को रोकने और जांच पड़ताल करके सरकार को सूचना देने के लिए, गिरफ्तार किया जाता है. लुकआउट नोटिस का प्रावधान विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और दाऊद इब्राहिम जैसे आर्थिक, सामाजिक भगोड़ों, अपराधियों को भारतीय सीमा से बाहर जाने से रोकने के लिए किया गया था.