UP Board: पेपर लीक करने की कोशिश करने वाले जाएंगे जेल, योगी सरकार का फरमान | UP high school intermediate board exam yogi govt new rules paper leak accused to be sent jail stwss

उत्तर प्रदेश में 22 फरवरी से शुरू हो रही हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं के लिए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े निर्देश दिए हैं. परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो इसलिए, साथ ही पेपर लीक करने वालों को जेल भेजने की तैयारी की जा रही है. अपराधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. वॉट्सएप से लेकर तमाम अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी नजर रखी जा रही है.
आदेश अनुसार एग्जाम होने से पहले अगर किसी भी विषय का प्रश्न पत्र वाट्सएप या सोशल मीडिया पर लीक होता है तो आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, कुछ विशेष एग्जाम सेंटर्स जो संवेदनशील या अति संवेदनशील है वहां किसा प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए एसटीएफ की टीम तैनात की जाएगी.
CCTV से होगी 24 घंटे निगरानी
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इसके अलावा नकल पर अंकुश लगाने के लिए CCTV की निगरानी में क्वेश्चन पेपर खोलने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो सके. निगरानी के लिए विशेष कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जो 24 घंटे निगरानी करेगा. कैमरों से लाइव निगरानी की जाएगी. एग्जाम सेंटर के आसपास, 100 मीटर के दायरे में और आवश्यकता पड़ने पर उसके बाहर भी जिला प्रशासन को धारा-144 लागू करने के निर्देश दिए गए है.
12 वर्किंग डेज में पूरे होंगे एग्जाम
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने बताया कि 2024 बोर्ड परीक्षाएं कुल 12 वर्किंग डेज में पूरी की जाएगी. उन्होंने बताया कि पहले इन परीक्षाओं को पूरा करने के लिए एक महीना का समय लगता था. आधिकारिक सूचना के अनुसार इस बार परीक्षा में हाईस्कूल के कुल 29,47,311 छात्र और इंटरमीडिएट के कुल 25,77,997 छात्र एग्जाम देंगे.
दीपक कुमार ने आगे बताया कि सरकार द्वारा परीक्षा केंद्रों का निर्धारण, उनकी धारण क्षमताओं के अनुसार, सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन किया गया है. 2017 से पहले 12 हजार से भी अधिक केंद्र बनते थे, लेकिन ऑनलाइन परीक्षा केंद्र बनने के कारण इसकी संख्या कम हो गई है. 2024 बोर्ड परीक्षा में 8265 सेंटर बने हैं. प्रदेशभर में अलग-अलग समीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. इसमें लखनऊ, प्रयागराज सहित 05 क्षेत्रीय कार्यालय बनाए गए हैं.
क्या हो रहा पहली बार?
क्लास में मॉनिटरिंग करने वाले निरीक्षकों के लिए स्पेशल क्यूआर कोड दिए गए हैं. तकरीबन 3.11 लाख निरीक्षकों को QR कोड और कम्प्यूटराइज्ड परिचय पत्र दिए गए हैं. सरकार के निर्देश के अनुसार क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) गठित की गई जो सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाने वालों के खिलाफ एक्शन लेंगे.