UP: ‘मैं कबाड़ हूं…भगवान ऐसी मां किसी को ना दे’, पिता से शिकायत पर नाराज छात्र ने खुद को मारी गोली | Meerut scolded for phone by father, child commits suicide, write suicide note ‘I am A piece of garbage’


सांकेतिक तस्वीर.
आजकल के दौर में बच्चे बहुत नाजुक होने लगे हैं. एक छोटी सी बात से अक्सर बच्चे इतने आहत हो जाते हैं की वह आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लेते हैं और माता-पिता यही सोचते रह जाते हैं की आखिर हुआ क्या और उनकी गलती क्या था. क्या अपने ही बच्चों को डांटना इतना बड़ा गुनाब हो गया है. एक ऐसा ही मामला सामने आया यूपी के मेरठ से, जहां कनाडा में रह रहे पिता ने बेटे को फोन के लिए डांट लगाई तो बेटे ने आत्महत्या कर ली. बेटे ने खुद को गोली मार ली.
मेरठ में पिता की डांट से आहत हुए बेटे ने खुद के गोली मार कर आत्महत्या कर ली. बात इतनी सी थी कि मृतक की मम्मी ने फोन इस्तेमाल को लेकर बेटे की शिकायत पिता से की थी. इससे 14 साल का अंगद राठी इतना आहत हुआ की सुसाइड नोट लिखकर खुद को गोली मार ली. सुसाइड नोट में मृतक अंगद ने लिखा की पापा ने मुझे मोबाइल चलाने पर डांटा है. पापा आप मुझे मोबाइल नहीं दिलाते. मम्मी का मोबाइल यूज करने को कहते हो, बुलेट नहीं दिलाते. पुरानी बाइक मॉडिफाई भी नहीं कराते. परिवार के लोग मुझे प्यार नहीं करते हैं, इसलिए मैं जा रहा हूं.
दसवीं में पढ़ता था अंगद
घटना मेरठ के बहसूमा थाना क्षेत्र के रामराज गांव की है. यहां बिजनेसमैन नितिन चौधरी का बड़ा बेटा अंगद 10वीं में पढ़ता था. मंगलवार को पिता ने फोन कर अंगद को फोन न इस्तेमाल कर पढ़ाई करने के लिए डांटा था, इससे नाराज होकर अंगद ने ये कदम उठा लिया. रात घर पर दोनों बेटे अंगद, रुद्र और उनकी मां पूजा थीं. मां घर में काम कर रही थीं. 10 साल का छोटा बेटा रुद्र बाहर खेल रहा था. अंगद अपने कमरे में पढ़ रहा था, तभी अंगद ने अलमारी से रिवाल्वर निकाली और कनपटी पर सटाकर खुद को गोली मार ली. फायरिंग की आवाज सुनकर मां कमरे में पहुंची तो देखा बेटा बेड पर खून से लथपथ पड़ा था. पूजा ने परिवार के अन्य लोगों को जानकारी दी तो घर में कोहराम मच गया. परिजन तुरंत उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने अंगद को मृत घोषित कर दिया.
‘भगवान मेरे जैसी मां किसी को न दे’
मृतक अंगद ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि अब कोई आपके सर पर नहीं चढ़ेगा, न कोई परेशान करेगा. अब आप खुश रहो, अब आपका मेरे से कोई मतलब नहीं, आज तक एक मोटर बाइक तो दिलाई नहीं गई. बाइक दिलाना तो दूर पुरानी बुलेट तक ठीक नहीं कराई. मृतक अंगद ने सुसाइड नोट में आगे लिखा कि, और हां पापा आप कह रहे थे कि जिन लोगों के पास फोन नहीं होता वह कैसे पढ़ाई करते हैं, वो कैसे भी पढ़ते हों, हमारे पास तो फोन हैं न. फोन तो सिर्फ मम्मी के लिए है. मैं तो इस घर में कबाड़ हूं. भुंड शक्ल का हूं, बेशर्म हूं, भगवान मेरे जैसी मां किसी को न दे, बाय. मृतक अंगद के नाना ने बताया कि अंगद के दोस्तों ने उसके कान भर दिए थे कि तेरे पिता अमीर हैं फिर भी बाईक नहीं दिला रहे हैं. नाना ने बताया की अंगद बुलेट न दिलाने पर मायूस था.