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UP: बार-बार फंस रही थी क्रूज, गाद हटाने के लिए गंगा में उतारी गई ड्रेसिंग मशीन

भारत सरकार जल यातायात को बढ़ावा देने के लिए हल्दिया से वाराणसी के बीच क्रूज चलाने की योजना बनाई है. जिसके बाद कई क्रूज अब तक विदेशी सैलानियों को लेकर आ और जा चुकी हैं लेकिन गंगा में पानी कम होने के कारण क्रुज कई जगह गंगा में फंस रही है. जिसके चलते क्रूज को कई बार इंतजार करना पड़ा है. इसी समस्या को देखते क्रूज के लिए रास्ता बनाने के लिए गंगा नदी में ड्रेजिंग कराने के लिए सेक्शन ड्रेजिंग मशीन को गंगा में उतारा है. जिससे अब जहां भी गंगा में जलस्तर कम होगा वहां पर इस मशीन के द्वारा ड्रेजिंग करा कर क्रूज के लिए रास्ता बनाया जाएगा. जिसको लेकर भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के द्वारा यह काम शुरू कर दिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 23 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाकर क्रूज गंगा विलास को वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा पर रवाना किया था. इसके बाद से ही जल यातायात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की अति महत्वपूर्ण गंगा जलमार्ग परियोजना के तहत गंगा में मालवाहक और क्रूज चलाने को लेकर भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण पूरी तैयारी में लगा है. जलमार्ग संख्या एक वाराणसी-हल्दिया के बीच में गंगा में पर्यटकों को ले जाने के लिए क्रूज व माल ढुलाई वाले मालवाहक चलाए जा रहे हैं. बरसात के दिनों में जलस्तर बेहतर रहने पर इन जहाज को चलाने में कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन जनवरी से जून के बीच गंगा में काफी जगहों पर जलस्तर काफी कम हो जाने से उनका परिचालन ठप हो जाता है.

गंगा नदी में उतारी गई ड्रेसिंग मशीन

कई जगहों पर नदी में पानी की गहराई 3 मीटर से कम हो जाती है जिससे क्रूज के संचालन में बाधा उत्पन्न होती है. इसी को देखते हुए मुहम्मदाबाद के गौसपुर के पास सेक्सन ड्रेसिंग मशीन उतारने के लिए विभाग की ओर से कार्य योजना बनाया गया. गौसपुर गांव के गंगा किनारे गंगा में सेक्शन ड्रेजर मशीन को ले जाने के लिए जेसीबी से रास्ता बनाकर उसे पानी तक पहुंचाया गया.

अभी पिछले महीने राजमहल क्रूज जो विदेशी सैलानियों को लेकर वाराणसी की तरफ जा रहा था और जब वह गाजीपुर के सरहद में पहुंचा तो कई जगह गंगा के जलस्तर में कमी होने के चलते क्रूज वाराणसी तय समय से काफी लेट में पहुंचा. पानी की कमी के कारण क्रूज को कई जगह रोकना पड़ा. ऐसे में विदेशी सैलानियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इन्हीं सब समस्याओं को लेकर विभाग ने गंगा में ड्रेजिंग का कार्य शुरू किया है.

3 मीटर गहराई तक होगी खुदाई

विभागीय जानकारों की माने तो इस मशीन के माध्यम से गंगा में क्रूज के आवागमन को लेकर 3 मीटर की गहराई तक खुदाई की जाएगी. जिससे जल मार्ग का चैनल सही तरीके से काम करें. इस काम को शुरू करने के लिए पोकलेन और जेसीबी की भी मदद ली गई है और ड्रेजिंग मशीन को इन्हीं के माध्यम से गंगा में उतारा गया है.

जानकारी के मुताबिक, अभी इस कार्य के लिए विभाग ने पटना से गाजीपुर के बीच टेंडर कराया है. इसके बाद सर्वेक्षण के आधार पर ड्रेजिंग का काम शुरू होगा, लेकिन यह ड्रेजिंग का कार्य कब से शुरू होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है. गंगा में यदि ड्रेजिंग हो जाती है तो आने वाले समय में विदेशी सैलानी जो पर्यटन की दृष्टि से जल मार्ग से हल्दिया से वाराणसी के लिए जाते हैं उन्हें कहीं भी रास्ते में रुकावट नहीं होगी और समय पर हल्दिया से वाराणसी या वाराणसी से हल्दिया पहुंच सकेंगे.

विदेशी सैलानियों की सहूलियत को देखते हुए पहले ही विभाग के द्वारा जनपद के कई घाटों पर जत्ती का निर्माण कराया गया है. इसके अलावा जल मार्ग से आने वाले पर्यटक और अन्य लोगों को रोकने के लिए गंगा किनारे, गंगा घाट पर भी निर्माण कार्य किया गया है. ताकि कुछ समय के लिए यहां पर सैलानी या उसके जो भी चालाक है रुक सके.



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