Union Cabinet Meeting Approves Revised Domestic Cng Png Gas Pricing Guidelines And Indian Space Policy 2023 | Modi Cabinet Decisions: मोदी कैबिनेट ने गैस की कीमत तय करने के नए फॉर्मूले और नेशनल स्पेस पॉलिसी 2023 को दी मंजूरी

Modi Cabinet Decisions: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में गुरुवार (6 अप्रैल) को केंद्रीय कैबिनेट (Central Cabinet) की बैठक हुई. ये बैठक पीएम आवास पर आयोजित की गई थी. इसमें सीएनजी (CNG) और पीएनजी (PNG) के दामों में राहत दी गई है. कैबिनेट ने संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दी है. जिसके बाद पीएनजी पर करीब 10 फीसदी की कमी आएगी और सीएनजी पर भी 5 से 6 रुपये प्रति लीटर की कमी आएगी.
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने गैस कीमत निर्धारण के नए फॉर्मूले को मंजूरी दी, सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों पर अधिकतम सीमा तय की. घरेलू गैस की कीमत अब अंतर्राष्ट्रीय हब गैस की जगह इंपोर्टेड क्रूड के साथ लिंक कर दिया गया है और घरेलू गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के अंतर्राष्ट्रीय दाम का 10% होगा. ये हर महीने तय किया जाएगा. आम घरेलू उपभोक्ता से लेकर किसानों, गाड़ी चलाने वालों सबको फायदा होगा.
अनुराग ठाकुर ने क्या कहा?
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने एपीएम गैस के लिए चार डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के आधार मूल्य को मंजूरी दी है और अधिकतम मूल्य 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखने पर मुहर लगाई है. एपीएम गैस के रूप में जानी जाने वाली पारंपरिक या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष देशों की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा. पहले इनका मूल्य निर्धारण गैस कीमतों के आधार पर होता था.
दिल्ली-मुंबई में कितने कम होंगे दाम?
इस फैसले के बाद दिल्ली में सीएनजी की कीमतों में करीब 6 रुपये की कमी आएगी जबकि पीएनजी के दाम भी 6 रुपये कम हो जाएंगे. मुंबई में सीएनजी की कीमतों में 8 रुपये की गिरावट आएगी और पीएनजी की कीमत 5 रुपये कम हो जाएगी. वहीं बैंगलुरू में सीएनजी की कीमत 6 रुपये और पीएनजी की कीमत साढ़े 6 रुपये तक कम होगी. पुणे में सीएनजी और पीएनजी के दामों में 5-5 रुपये की कमी आएगी.
नेशनल स्पेस पॉलिसी 2023 को मंजूरी दी
वहीं केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने नेशनल स्पेस पॉलिसी 2023 को मंजूरी दी है. जिसके तहत इसरो, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड और निजी क्षेत्र की संस्थाओं जैसे संगठनों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां निर्धारित की गई हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने पूर्व में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया था ताकि इस क्षेत्र में भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके.
क्या है अंतरिक्ष नीति का उद्देश्य?
जितेंद्र सिंह ने कहा कि नीति का उद्देश्य अंतरिक्ष विभाग की भूमिका को बढ़ाना, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मिशन की गतिविधियों और अनुसंधान, शिक्षा, स्टार्टअप एवं उद्योग की बड़ी भागीदारी को बढ़ावा देना है.
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