Tawang Fascinating Tourist Destination Beauty Of Arunachal Pradesh At India China Border

Tawang Beauty: अरुणाचल प्रदेश के 25 जिलों में से एक तवांग बीते कई दिनों से चर्चा का मुद्दा बना हुआ है. तवांग वही जगह है, जहां चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच गलवान घाटी संघर्ष (2020) के बाद एक बार फिर से झड़प हुई थी. ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल’ (LAC) पर भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हुए इस संघर्ष के बाद तवांग पर चर्चा शुरू हो गई. क्या आप जानते हैं कि हिमालय की गोद में बसा ये पहाड़ी इलाका कितना खूबसूरत है. अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन स्थल के लिए जाना जाने वाला यह इलाका पर्यटकों को बेहद लुभाता है.
भारत-चीन सीमा से 25 मील की दूरी पर स्थित तवांग ने पिछले 6-7 सालों में तेजी से विकास देखा है. इसकी आबादी 15,000 के करीब है. तवांग घूमने के लिए एक बेहतरीन और सुंदर जगह है, जहां पहाड़ियां हैं. तवांग एक शांत इलाका है. झरनों, मठों से लेकर एक्साइटिंग ट्रेक तक उत्साह का खजाना है. अगर आप तवांग घूमने का मन बनाते हैं तो कभी निराश नहीं होंगे. यह पूर्वोत्तर में स्थित एक अद्भुत हिल स्टेशन है जो सर्दियों के महीनों के दौरान बर्फबारी से सराबोर रहता है. बर्फबारी देखने के शौकीन लोगों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है.
शहरों के शोरगुल से परेशान लोग तवांग आ सकते हैं, जो एक बेहद खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट है. यहां कुछ ऐसे डेस्टिनेशन हैं, जो अपकी ट्रिप को और ज्यादा एक्साइटिंग बनाएंगे, जैसे गोरीचेन चोटी, सेला दर्रा, तवांग मठ, नूरनांग वाटरफॉल.
तवांग में घूमने के लिए बहुत कुछ
गोरीचेन चोटी अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी है और यह अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों के बीच स्थित है. समुद्र तल से 22,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित ये चोटी तवांग से लगभग 164 किमीटर दूर है.
सेला दर्रा दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल पर्वतीय दर्रों में से एक है. यह वह सड़क है जो तवांग को असम में गुवाहाटी से जोड़ती है और अरुणाचल प्रदेश में आसपास के पहाड़ों और घाटियों का शानदार दृश्य पेश करती है. सेला झील के पास स्थित ये सेला दर्रा तवांग में प्रकृति प्रेमियों के लिए एक देखने लायक जगहों में से एक है.
तवांग मठ: तवांग मठ को गोल्डन नामग्याल ल्हात्से के नाम से भी जाना-पहचाना जाता है. ये अरुणाचल प्रदेश के अनमोल रत्नों में से एक है. समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तवांग मठ को दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मठ के तौर पर मान्यता दी गई है, क्योंकि पहला मठ ल्हासा है. माना जाता है कि मठ 400 साल पुराना है और इस इलाके में 17 गोम्पों पर इसका कंट्रोल है.
नूरनांग वाटरफॉल: तवांग के जंगल में कई ऐसी अनजान जगह हैं, जो बेहद सुंदर हैं. उनमें से एक नूरनांग वाटरफॉल है. नूरनांग फॉल्स देश के सबसे शानदार झरनों में से एक है. ये वाटरफॉल पानी की एक सुंदर सफेद चादर है, जो लगभग 100 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरती है.
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