China Sri Lanka Relations Beijing Xi Jinping resolve debt not conspiracy theories

China-Sri Lanka Relations: पिछले कुछ समय से श्रीलंका के हालात बेहद खराब चल रहे थे. हालांकि, मौजूदा समय में वह आर्थिक संकट से उबरने में लगा हुआ है. बदहाली की स्थिति में श्रीलंका ने चीन से काफी ज्यादा मात्रा में उधार लिया था. अब ड्रैगन उसी कर्ज को मुद्दा बना रहा है और श्रीलंका की मौजूदा सरकार को आंख दिखा रहा है. वहां की ग्लोबल टाइम्स अखबार में एक लेख छापा गया है. जिसमें लिखा गया है कि श्रीलंका की सरकार कर्ज चुकाने के लिए रास्ते ढूंढे ना कि किसी दूसरे तरह का बहाने बनाए.
चीनी अखबार में लिखा गया है कि श्रीलंकाई पीएम के चीन यात्रा से पहले बीजिंग के ऋण जाल को फिर से प्रचारित कि जा रहा है. यह निराधार झूठ श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा साबित नहीं होगा. मौजूदा समय में श्रीलंका विकास और आर्थिक सुधार के पथ पर है. ऐसे में वह अन्य षड्यंत्रों के बजाय चीन और अपने सहयोगी साझेदारों के साथ रिश्ते मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करे.
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक हाल के दिनों में कुछ विदेशी मीडिया एक बार फिर चीन को बदनाम करने में जुटी हुई हैं. उनकी मंशा है कि चीन और श्रीलंका के बीच बढ़ रहा आर्थिक सहयोग किसी तरह बाधित हो. अखबार के मुताबिक चीन मौजूदा समय में श्रीलंका के साथ उसके ऋण पुनर्गठन में मदद करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक चीन-श्रीलंका का सबसे बड़ा द्विपक्षीय ऋणदाता देश है. 2023 तक श्रीलंका के ऊपर चीन का करीब 7 बिलियन का ऋण दर्ज था. 2020 के अंत तक चीन ने दुनिया के करीब 97 देशों को सबसे अधिक विदेशी कर्ज दिए थे. इसमें सभी देश बीआरआई प्रोजेक्ट में शामिल थे.
चीन से सबसे अधिक ऋण लेने वाला देश पाकिस्तान है. NBT की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 के अंत तक पाकिस्तान के ऊपर चीन के करीब 77.3 बिलियन डॉलर विदेशी कर्ज थे. इसके बाद अंगोला (36.3 बिलियन डॉलर), इथियोपिया (7.9 अरब डॉलर), केन्या (7.4 अरब डॉलर) जैसे देशों का नाम आता है.
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