Shiv Parvati Vivah Story When Shiva Arrived With Ghost And Witches Baraati In His Marriage

Shiv Parvati Vivah Mythological Katha: माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. क्योंकि वह विवाह से पहले ही शिवजी को मन ही मन अपना पति मान चुकी थीं. पुराणों में भी शिव जी और माता पार्वती के विवाह को लेकर जिक्र मिलता है. कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के पावन दिन में शिव-पार्वती का विवाह हुआ था.
शिव को पाना पार्वती के लिए नहीं था आसान
पार्वती राजा हिमवान और रानी मैनावती की पुत्री थी. पार्वती का अर्थ है पर्वतों की रानी. माता पार्वती शिवजी से विवाह करना चाहती थी. लेकिन शिव को पाना इतना आसान नहीं था. फिर क्या था माता पार्वती ने कठोर तपस्या शुरू कर दी. पार्वती की तपस्या से तीनों लोक में हाहाकार मच गया. यहां तक कि बड़े-बड़े पर्वत भी डगमगाने लग गए. सभी देवता शिवजी के पास पहुंचे और समस्या का हल करने को कहा.
शिवजी माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें दर्शन देकर कहा कि वो किसी राजकुमार के साथ विवाह कर ले. लेकिन पार्वती ने साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वो मन ही मन शिव को अपना पति मान चुकी हैं और ऐसे में किसी अन्य व्यक्ति के साथ रहना आसान नहीं होगा. अपने प्रति पार्वती का असीम प्रेम देख भोलेनाथ का मन पिघल गया और वे पार्वती से विवाह के लिए राजी हो गए.
अनोखी बारात लेकर पार्वती से विवाह करने पहुंचे शिव
शिव-पार्वती के विवाह से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, शिव जी जब माता पार्वती से विवाह रचाने के लिए पहुंचे तो अपने साथ भूत-प्रेत और चुड़ैलों की बाराती लेकर पहुंचे. इन्होंने ही शिवजी का श्रृंगार भी किया था. शादी के लिए शिवजी का भस्म से श्रृंगार किया गया और हड्डियों की माला पहनाई गई. जब ऐसी अनोखी बारात लेकर शिव बारातियों के साथ पार्वती के द्वार पर पहुंचे तो सभी डर गए और हैरान रह गए.
पार्वती की माता मैनावती ने तो विवाह से इंकार कर दिया था. तब पार्वती ने शिव जी से प्रार्थना करते हुए कहा कि वह विवाह के रीति-रिवाजों के अनरूप तैयार हो जाएं. शिवजी मान गए और इसके बाद देवताओं द्वारा शिवजी को दूल्हे के रूप में तैयार किया गया. जब शिवजी दूल्हा बनकर तैयार हो गए तो उनका दिव्य रूप देखकर सभी चकित रह गए. रानी मैनावती भी विवाह के लिए मान गई. इसके बाद बाराती-शराती, भूत-प्रेत, सभी देवता और सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की मौजूदगी में शिव-पार्वती का विवाह संपन्न हुआ.
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