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Bollywood Actors Connection With Dawood Ibrahim: बॉलीवुड में एक दौर ऐसा रहा जब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का काफी दबदबा था. कई दिग्गज फिल्मी सितारे और फिल्म मेकर्स दाऊद के दोस्त हुआ करते थे. हाल ही में जर्नलिस्ट और लेखक हुसैन जैदी ने खुलासा किया कि दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार, ऋषि कपूर और अमजद खान भी दाऊद इब्राहिम से मिला करते थे. जैदी ने बताया कि अंडरवर्ल्ड डॉन स्टार्स को दुबई में डिनर पर बुलाया करता था.
पिकंविला को दिए एक हालिया इंटरव्यू में हुसैन जैदी ने कहा- ‘दाऊद फिल्मों से पैसा कमाना नहीं चाहता था, उसे बस हिंदी सिनेमा से प्यार था. उसे सभी एक्ट्रेसेस पसंद थीं. जितने भी फिल्मी सितारे दुबई जाते थे, दाऊद उनके लिए डिनर होस्ट करता था. जैसे, दिलीप कुमार, ऋषि कपूर, अमजद खान, इन लोगों ने अपने इंटरव्यू में दाऊद से मुलाकात के बारे में भी बताया है. उसने उन्हें महंगे तोहफे भी दिए हैं.’
मुझे फिल्म इंडस्ट्री से प्यार है- दाऊद इब्राहिम
हुसैन जैदी ने आगे कहा- ‘उसे पैसे कमाने के लिए हिंदी फिल्मों में दिलचस्पी नहीं थी. वो बस उनके साथ घुलना-मिलना चाहता था और उस कंपनी में दिखना चाहता था.’ जैदी पहले दाऊद का इंटरव्यू ले चुके हैं और तब उन्होंने दाऊद पर लगे बॉलीवुड से जबरन वसूली के आरोपों को लेकर उससे सवाल किया था. उसे लेकर जैदी ने बताया- ‘मैंने उससे पूछा कि वो इंडस्ट्री को क्यों टारगेट कर रहा है और उसने मुझसे कहा कि मुझे फिल्म इंडस्ट्री से प्यार है, उन्हें मुझसे डरने की जरूरत नहीं है. ये चलन अबू सलेम से शुरू हुआ, जो फिल्म मेकर्स से पैसे वसूलता था.’
दाऊद इब्राहिम के कॉन्टैक्ट में थे सितारे
जैदी ने आगे कहा- वो हर किसी को जानता था- ‘मेकर्स, डायरेक्टर्स, स्टार और एक्ट्रेसेस. उस समय लोग दाऊद के साथ अपनी दोस्ती के बारे में गर्व की बात कहते थे. मैं किसी का नाम नहीं लूंगा, लेकिन वे ऐसी बातें कहते थे कि मैंने अभी-अभी भाई से फोन पर बात की है. दाऊद से बात करना गर्व की बात थी. क्योंकि उस समय पुलिस की पकड़ मजबूत नहीं थी, इसलिए हर कोई उसके कॉन्टैक्ट में था. उन्हें उसके कॉन्टैक्ट में रहने में कुछ भी गलत नहीं लगा.’
फिल्मों के जरिए ब्लैक मनी को व्हाइट करता था दाऊद
हुसैन जैदी ने ये भी बताया कि दाऊद इब्राहिम फिल्मों के लिए पैसे दिया करता था. उन्होंने कहा- ‘वो एक प्रोड्यूसर के तौर पर फिल्मों को फंड नहीं करता था, लेकिन वो पैसे उधार देता था. उस समय बहुत सारे स्टूडियो नहीं थे और इंडस्ट्री संस्थागत नहीं थी. इसलिए लोग दाऊद के पैसे लेते थे और उसे अपनी फिल्मों में इंवेस्ट करते थे और इस तरह उसका काला धन व्हाइट हो जाता था. वो उन्हें पैसे उधार देता था और फिल्म की रिलीज के बाद वे इसे व्हाइट मनी को तौर पर उसे वापस कर देते थे.’
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