Sheikh Hasina return to Bangladesh Another case registered for attack on Khaleda Zia

Case on Sheikh Hasina: बांग्लादेश से जान बचाकर भारत आईं पूर्व पीएम शेख हसीना की मुस्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. हसीना पर उनके देश में लगातार मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. शेख हसीना को अब बीएनपी लीडर खालिदा जिया के काफिले पर हमले का आरोपी बनाया गया है. हसीना की राजनीतिक प्रतिद्वंदी रहीं खालिदा जिया पर यह हमला साल 2015 में हुआ था. इसके पहले शेख हसीना पर हत्या का मामला भी दर्ज हो चुका है. ऐसी हालत में अब शेख हसीना का बांग्लादेश लौटना मुश्किल नजर आ रहा है. अगर वह बांग्लादेश जाती हैं तो उनको लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है.
राजधानी ढाका के तेजगांव पुलिस स्टेशन में शेख हसीना समेत 113 लोगों के खिलाफ खालिदा जिया पर हमले का केस दर्ज हुआ है. उत्तरी ढाका में स्थित वार्ड 26 के महासचिव और बीएनपी नेता बिलाल हुसैन रविवार को पुलिस थाने में यह रिपोर्ट दर्ज कराई. ट्रिब्यून समाचार की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि तेजगांव पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर सरवर आलम खान ने कहा है कि वे इस मसले में उच्च अधिकारियों से सलाह लेंगे. यदि उच्च अधिकारियों की तरफ से शिकायत आगे बढ़ाने की अनुमति मिलेगी तो आधिकारिक तौर पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
खालिदा जिया पर अटैक का मामला
खालिदा जिया पर साल 2015 में ढाका सिटी कॉर्पोरेशन चुनाव अभियान के दौरान हमला हुआ था. रिपोर्ट में बताया गया है कि जब खालिदा जिया का काफिला राजधानी के कारवां बाजार इलाके से गुजर रहा था, उसी दौरान यह हमला हुआ. शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने और मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार बनने के बाद उनपर एक के बाद एक मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. शेख हसीना पर इसके पहले किराने की दुकान के मालिक की हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. इसमें बताया गया था कि 19 जुलाई को ढाका के मोहम्मदपुर इलाके में हुई पुलिस गोलीबारी में अबू सईद की मौत हो गई थी. इस मामले में शेख हसीना, तत्कालीन गृह मंत्री और अन्य पुलिस अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान छात्रों की हुई मौत के मामले में भी शेख हसीना पर हत्या का केस दर्ज हुआ है.
आवामी लीग के नेता हो रहे अंडरग्राउंड
शेख हसीना के अलावा उनकी पार्टी आवामी लीग ले जुड़े नेताओं के ऊपर भी जमकर केस दर्ज हो रहे हैं. आवामी लीग के कई नेताओं की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसी डर की वजह से आवामी लीग के कई नेता अंडर ग्राउंड हो गए हैं. इसके अलावा आवामी लीग के नेताओं पर जमकर हमले भी हुए हैं, जिसकी वजह से कोई सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.
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