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Rajasthan ACB Order Row BJP On Anti Corruption Bureau | ‘नाम तब तक…’, राजस्थान में ACB के इस आदेश पर घमासान, BJP बोली

Rajasthan ACB Order Row: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) अब भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी/संदिग्ध का नाम, फोटो या वीडियो जारी नहीं करेगा. इस तरह की कार्रवाई में सिर्फ यह बताया जाएगा कि किस विभाग में कार्रवाई की गई और आरोपी अधिकारी/कर्मचारी किस पद पर है. ब्यूरो के कार्यवाहक महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने बुधवार को इस आशय का आदेश जारी किया. हालांकि मुख्य विपक्षी दल ने इस आदेश की मंशा पर सवाल उठाया.

उल्लेखनीय है कि ब्यूरो में अतिरिक्त महानिदेशक प्रियदर्शी को बुधवार को ब्यूरो के महानिदेशक पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया. इस पद पर तैनात बीएल सोनी 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो गए थे. ब्यूरो महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार मिलने के तुरंत बाद प्रियदर्शी ने बुधवार को एक आदेश जारी किया. इसमें ब्यूरो के अधिकारियों को आरोपी और संदिग्धों के नाम और फोटो का खुलासा नहीं करने का निर्देश दिया.

मीडिया को पदनाम की सूचना दी जाएगी

अधिकारियों के आदेश के अनुसार, ब्यूरो टीम द्वारा की गई ‘ट्रैप कार्रवाई’ के पश्चात जब तक प्रकरण/आरोपी का अदालत द्वारा दोषसिद्ध नहीं हो जाता तक तक आरोपी/संदिग्ध का नाम व फोटो मीडिया या अन्य किसी व्यक्ति, विभाग में सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. आरोपी जिस विभाग में कार्यरत है उसका नाम व आरोपी का पदनाम की सूचना ही मीडिया को दी जाएगी.

इसके अनुसार, ब्यूरो की अभिरक्षा में तो संदिग्ध आरोपी है. उसकी सुरक्षा और मानवाधिकार की रक्षा की पूर्ण जिम्मेदारी ट्रैप करने वाले अधिकारी की रहेगी. मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी भाजपा ने इस आदेश के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए आदेश को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. वहीं, अधिकारी ने दलील दी कि यह आदेश कानूनी रूप से सही है.

‘कांग्रेस का हाथ – भ्रष्टाचार के साथ’

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने इस आदेश की प्रति शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस भ्रष्टन की, भ्रष्ट कांग्रेस के.’’ वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस का हाथ – भ्रष्टाचार के साथ”. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के तथाकथित ‘मॉडल स्टेट राजस्थान’ में भ्रष्टाचारियों को अभयदान देने के लिए अब उनके फोटो व नाम को मीडिया में उजागर नहीं करने का तुगलकी फरमान निकालकर प्रेस की स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है.



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दूसरी ओर, संपर्क करने पर अधिकारी ने यह कहते हुए अपने आदेश का बचाव किया कि आदेश के पीछे कानूनी आधार है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक दोषी साबित होने तक आरोपी का नाम और फोटो सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”आदेश के पीछे कानूनी आधार है.’’

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