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Prem Sagar Son Of Ramanand Sagar Reaction On Adipurush Talk On Ravana Hanuman Character | Adipurush: आदिपुरुष में रावण के किरदार को लेकर भड़के प्रेम सागर, बोले

Prem Sagar Reaction On Adipurush: ‘आदिपुरुष’ को लेकर विरोध का सिलसिला इसके रिलीज होने के बाद और भी बढ़ गया है. महाकाव्य ‘रामायण’ के किरदारों और घटनाओं को फिल्म में गलत तरीके से दिखाने को लेकर दर्शक इसके खिलाफ अपनी नाराजगी जता रहे हैं. इसी कड़ी में रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है.

एक न्यूज पोर्टल को इंटरव्यू देते हुए प्रेम सागर ने कहा कि उन्होंने अब तक फिल्म तो नहीं देखी लेकिन फिल्म का टीजर देखा है. इसमें देवदत्त नागे जो हनुमान जी का किरदार निभा रहे हैं वे कहते हैं, ‘तेल तेरे बाप का, जलेगी तेरे बाप की…’, इसे देखकर लगा है कि ओम राउत ने ‘आदिपुरुष’ के जरिए मार्वल बनाने की कोशिश की है.

’50 साल तक भी रामानंद सागर जैसी रामायण नहीं बन सकती’
प्रेम सागर ने अपने इंस्टाग्राम पर भी एक वीडियो पोस्ट की है, जिसके साथ उन्होंने एक लंबा-सा कैप्शन भी लिखा है. उन्होंने लिखा- ’50 साल तक भी रामानंद सागर जैसी बनाई हुई रामायण नहीं बन सकती… पापाजी का जन्म रामायण बनाने के लिए हुआ था, उन्हें रामायण को फिर से लिखने के लिए इस धरती पर भेजा गया था, जैसे वाल्मीकिजी ने इसे छंदों में लिखा था, तुलसीदासजी ने इसे अवध भाषा में लिखा था और पापाजी ने इसे इलेक्ट्रॉनिक युग में लिखा था…रामानंद सागर का रामायण एक ऐसा महाकाव्य था जिसे दुनिया ने एक्सपीरियंस किया और इसे लोगों के दिलों में कभी नहीं बदला जा सकेगा.’

फिल्म में रावण के किरदार को बताया गलत
प्रेम सागर के मुताबिक उनके पिता रामानंद सागर ने भी रामायण बनाई और उसमें भी उन्होंने क्रिएटिव फ्रीडम का इस्तेमाल किया लेकिन उन्होंने भगवान राम को समझा. उन्होंने कई ग्रंथ पढ़ने के बाद कुछ मामूली बदलाव किए और कभी भी तथ्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं की. इसके आगे प्रेम ने रावण के किरदार के तौर पर सैफ अली खान के काले रंग को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि रावण बहुत विद्वान और ज्ञानी था और कोई भी उसे खलनायक के तौर पर पेश नहीं कर सकता.

क्रिएटिव फ्रीडम का गलत इस्तेमाल?
ग्रंथों में बताया गया है कि रावण ने जो भी किया, सिर्फ इसीलिए किया क्योंकि वह जानता था कि उसे भगवान राम के हाथों ही मोक्ष हासिल हो सकता है. वहीं जब रावण मरने वाला था, तब भगवान राम ने लक्ष्मण को रावण के चरणों में भेजा था ताकि वे उससे कुछ सीख ले सकें. वहीं अपने इंटरव्यू में आगे बात करते हुए प्रेम सागर ने कहा कि आदिपुरुष में क्रिएटिव फ्रीडम की आड़ में रावण को खूंखार खलनायक के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता.

‘आदिपुरुष ने सारे फैक्ट्स बदल दिए हैं’
उन्होंने कहा कि अगर आपने आज की रामायण बनाई है तो इसे ब्रीच कैंडी और कोलाबा में दिखाओ, इसे दुनिया भर में मत दिखाओ और लोगों की भावनाओं को ठेस मत पहुंचाओ.  प्रेम सागर ने आगे कहा कि कृतिवासी और एकनाथ ने भी रामायण लिखी थी, उन्होंने सिर्फ रंग और भाषा बदली थी, लेकिन ‘आदिपुरुष’ ने सारे फैक्ट्स बदल दिए हैं.

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