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न घर का पता याद, न फोन नंबर; बस के नाम ने मिलवा दिया बेटी से… महाकुंभ की भीड़ में बिछड़ी थी मां

न घर का पता याद, न फोन नंबर; बस के नाम ने मिलवा दिया बेटी से... महाकुंभ की भीड़ में बिछड़ी थी मां

पुलिस ने बुजुर्ग महिला को उसके परिजनों से मिला दिया.

प्रयागराज महाकुंभ में करोड़ों लोग डुबकी लगा चुके हैं. अभी भी रोजाना लाखों लोगों की भीड़ महाकुंभ में पहुंच रही है. भीड़ में लोग अपनों से बिछड़ रहे हैं. ऐसे ही राजस्थान के उदयपुर की एक बुजुर्ग महिला अपनों से बिछड़ गई. परिजन उनकी तलाश करते रहे. महिला भटकते-भटकते मेला में लगी पुलिस के पास पहुंची. पूछताछ में महिला को कुछ नहीं पता था. उसे उस बस का नाम मालूम था, जिससे वह आई थी. पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए महिला के परिजनों की खोज शुरू कर दी और 30 घंटे में उसे अपनों से मिला दिया.

उदयपुर 62 वर्षीय महिला अपने परिवार के साथ महाकुंभ गई थी. अपनी बेटी का हाथ छूट जाने के बाद भीड़ में वह बिछड़ गई. परिवार के लोग उसे ढूंढते रहे. महिला भी कुंभ में गुम इधर-उधर घूमती रही. वहां, मौजूद यूपी पुलिस के जवानों ने महिला को परेशान देखा तो जानकारी ली. महिला ने कहा कि उसे पता कुछ नहीं, लेकिन जिस बस में वह आई है उस बस का उसको पता है.

14 फरवरी को बेटी से बिछड़ी मां

उदयपुर के बोहरा गणेश जी क्षेत्र के वृंदावन नगर में रहने वाली 62 वर्षीय भुवनेश्वरी शर्मा अपने पति सत्यनारायण शर्मा, बेटी प्रतिभा के साथ 13 फरवरी को उदयपुर से महाकुंभ मेले पहुंची. वह देवनारायण ट्रैवल्स की बस में बैठकर प्रयागराज के लिए रवाना हुए. 25 लोगों का ग्रुप 14 फरवरी को सभी लोग संगम पर डुबकी लगाने के लिए रवाना हुए. स्नान करने के बाद जब सभी वापस लौट रहे थे, उस दौरान भीड़ काफी तेज थी. बेटी ने भुवनेश्वरी का हाथ पकड़ रखा था. भीड़ में बेटी का हाथ छूट गया और भुवनेश्वरी देवी बिछड़ गई.

मोबाइल भी नहीं था महिला के पास

बेटी और अन्य लोगों ने भुवनेश्वरी को काफी ढूंढा लेकिन वह नहीं मिली. उन्होंने उदयपुर में महिला के बेटे ललित और लोकेश को भी इसकी सूचना दी. सोशल मीडिया पर भी उन्होंने मां की फोटो लगाकर वायरल की, जिससे कि किसी को भी जानकारी लगे तो वह बता सके.भुवनेश्वरी के बेटे लोकेश ने बताया कि उनकी मां के पास कोई मोबाइल भी नहीं था. यहां तक कि उनको किसी का नंबर भी याद नहीं था. लेकिन जिस बस में बैठकर मां गई थीं, उन्हें उसका नाम याद था.

30 घंटे बाद पुलिस ने मिलाया

बेटे ललित ने बताया कि मां को भीड़ में परिवार के लोग तलाश कर रहे थे. उनकी मां भी इधर-उधर परिवार को ढूंढ रही थीं. परेशान होते हुए उत्तर प्रदेश की पुलिस ने उन्हें देखा और पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्हें मोबाइल नंबर किसी के याद नहीं है. लेकिन जिस बस में वह आई हैं, उसका नाम उसे पता है. उसके बाद पुलिस ने जानकारी जुटाई और बस मालिक से संपर्क कर बस में सवार यात्रियों की सूची मांगी. करीब 30 घंटे बाद परिवार के लोगों को उनकी मां से मिलाया.



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