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Supreme Court Dismisses Petition Against Exchange Of Notes Without Seeing Identity Card ANN

2000 Rupee Note Exchange: बिना पहचान पत्र दिखाए 2 हजार रुपये का नोट बदलने के खिलाफ डाली गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार (10 जुलाई) को खारिज कर दिया है. याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय का कहना था कि बिना पहचान पत्र देखे नोट बदलने से भ्रष्ट और देश विरोधी तत्वों को फायदा हो रहा है.

इस याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा रिजर्व बैंक (Reserve Bank) का फैसला एक नीतिगत मामला है. हम इसमें दखल नहीं देंगे. इससे पहले 29 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इसे नीतिगत विषय बताते हुए याचिका ठुकरा दी थी.

याचिका में क्या मांग रखी गई?

अश्विनी उपाध्याय की इस याचिका में कहा गया है कि 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम के 2 हजार के नोट भ्रष्टाचारियों, माफियाओं या देश विरोधी शक्तियों के पास होने की आशंका है. ऐसे में बिना पहचान पत्र देखे नोट बदलने से ऐसे तत्वों को फायदा हो रहा है. 

याचिकाकर्ता ने कहा है कि भारत में आज ऐसा कोई परिवार नहीं है, जिसके पास बैंक अकाउंट न हो. इसलिए, 2000 रुपए के नोट सीधे बैंक खातों में जमा होने चाहिए. याचिका में यह भी कहा गया है कि यह भी देखा जाना चाहिए कि व्यक्ति केवल अपने अकांउट में पैसा जमा कर रहा हो किसी और के अकाउंट में नहीं. 

रिजर्व बैंक पहले ही कर चुका है याचिका का विरोध 

रिजर्व बैंक भी इस याचिका का विरोध कर चुका है. दिल्ली हाई कोर्ट में बहस के दौरान रिजर्व बैंक की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने कहा था कि वित्तीय और मौद्रिक नीति में कोर्ट दखल नहीं दे सकता. नोट जारी करना और उसे वापस लेना रिजर्व बैंक का अधिकार है. 

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