Pakistan Economic Crisis Pakistani People Said We Are Bombs Can Explode Anytime Amid High Inflation | Pakistan Crisis: पाकिस्तान में आर्थिक तंगहाली से परेशान शख्स ने कहा

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान मौजूदा वक्त में राजनीतिक और आर्थिक संकट समेत कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है. पाकिस्तान बढ़ते कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार की देश में भारी कमी है. शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif Govt) की सरकार लोगों के लिए जरूरी चीजें भी आयात नहीं कर पा रही है. महंगाई से आम आदमी की कमर एकदम टूट चुकी है. आर्थिक तंगी से परेशान लोगों की उम्मीदें धीरे-धीरे धूमिल होती जा रही है. पाकिस्तान को उनके देश के ही लोग अब एक बम की तरह आंकने लगे हैं.
बढ़ती महंगाई (Inflation) और बेरोजगारी ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में हजारों परिवारों को गरीबी और भूखमरी के कगार पर धकेल दिया है.
‘हम बम हैं कभी भी कहीं फट सकते हैं’
पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली के बीच लोग पूरी तरह से निराश हो चुके हैं. आसमान छूती महंगाई और बेरोजगारी से उनके सामने दो जून की रोटी जुटा पाने की समस्या खड़ी हो चुकी है. पाकिस्तान के एक पत्रकार ने एक शख्स से सवाल किया कि सरकार कहती है कि उनके देश के पास एटम बम है, लेकिन लोग आटे के लिए खुदकुशी कर रहे हैं. इस पर उस शख्स ने कहा कि उनके देश के हालात काफी खराब हो चुके हैं. हम खुद एक बम हो चुके हैं और कभी भी किसी जगह फट सकते हैं.
“We are b0mbs. We can explode anytime anywhere”
– Pakistan’s human b0mbpic.twitter.com/qrAwvVGqwo
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) February 25, 2023
आसमान छूती महंगाई
पाकिस्तान में पेट्रोलियम पदार्थ से लेकर आटा, दूध, घी, अंडा, चिकेन के दाम आसमान छू रहे हैं. रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों को भी लोग खरीद नहीं पा रहे हैं. रसोई का खर्च करीब दोगुना तक बढ़ गया है. ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी का असर दूसरी चीजों पर भी पड़ रहा है. बिजली और गैस की कीमतों में हर महीने इजाफा होने से लोगों के सामने संघर्ष और बढ़ता जा रहा है.
कर्ज के बोझ तले दबता पाकिस्तान
पाकिस्तान का विदेशी कर्ज और देयता करीब 130 अरब अमेरिकी डॉलर है, जो देश की जीडीपी का 95.39 फीसदी है. विदेशी मुद्रा भंडार में काफी कमी आई है और ये 3.2 अरब डॉलर है. शहबाज शरीफ की सरकार आईएमएफ से कर्ज के लिए गिड़गिड़ा रही है. वहीं, ज्यादातर देश अब कर्ज देने से इनकार कर चुके हैं और मुंह फेर रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तान के आर्थिक संकट का हल निकल पाना अभी मुश्किल ही लग रहा है.
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