जुर्म

Noida Crime Team From Gst Customs Police Officers From Sector 20 Station Has Recovered

Noida GST Raid: नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है जो पुराने फोन से पार्ट्स निकालकर नई पैकिंग में सेट करके उसे नए ब्रांडेड फोन का रूप देकर सस्ते दामों पर बेचने का काम करता था. ये काम नोएडा के सेक्टर 8 स्थित इनफोर्सल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में किया जा रहा था. इस गैंग के मुख्य आरोपी दिवाकर शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से अलग-अलग ब्रांड के 350 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, रिपेयरिंग के उपकरण आदि बरामद किए गए हैं. 

नोएटा सेक्टर 20 थाना पुलिस के मुताबिक जो फोन पुराने हो जाते हैं उनको ये गैंग खरीद लेता था और उसके पार्ट्स निकालकर अपने काम को अंजाम देता था. इस तरह से गैंग अब तक करीब दो हजार से ज्यादा फोन बेच चुका है. गैंग ये काम पिछले पांच साल से कर रहा था. इन फोन्स को बिना बिल के बेचा गया है. साथ ही पुराने खरीदे गए फोन का भी कोई रिकॉर्ड आरोपी के पास नहीं मिला है. गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. 

पुलिस के मुताबिक इससे पहले यह कम्पनी एचसीएल, डेल आदि कम्पनियों के अधिकृत सर्विस सेन्टर के तौर पर लैपटॉप रिपेयरिंग का काम करती थी. उक्त कम्पनी के मालिक दिल्ली के सौमित्र गुप्ता और डायरेक्टर ग्रेटर नोएडा के अरुण दास बताए गए हैं.

करीब 5 करोड़ की जीएसटी चोरी आरोप

पुलिस की सूचना पर जीएसटी/कस्टम टीम भी मौके पर पहुंची. प्रारंभिक जांच में करीब 5 करोड़ की जीएसटी चोरी का भी मामला प्रकाश में आया है. इनके पास से एक रजिस्टर बरामद हआ है जिसमें एनसीआर से अवैध मोबाइल खरीदे जाने वालों का केवल नाम दर्ज है. पुलिस का मानना है कि संभवत ये सभी मोबाइल कहीं न कहीं लूट या चोरी के हैं क्योंकि इन मोबाइलों के वास्तविक मालिक की कोई डिटेल इनके पास से नहीं मिली है, न ही इनके पास कोई खरीद आदि की रसीद है, जिससे की वास्तविक ओनर का पता किया जा सके. पुलिस के मुताबिक गैंग ऑनलाइन भी फोन खरीदता था. इसका भी कोई रिकॉर्ड इनके पास नहीं मिला. 

कोई कर्मचारी 20-25 दिन ही टिकता था

पुलिस के मुताबिक गैंग शातिराना तरीके से अपना काम करता था. इनके द्वारा जो भी कर्मचारी कम्पनी में काम पर रखे जाते थे, उनको ये केवल 20-25 दिनों के लिए ही काम पर रखते थे ताकि उनको इनके काम के तरीके के बारे में कोई जानकारी न होने पाए. ये कर्मजारी अलग-अलग फोन के पार्ट्स निकालकर एक नया फोन तैयार करने का काम करते थे. नए तैयार फोन को असली फोन की कीमत से 50-60 फीसदी कम दाम पर बेचा जाता था. इसका कोई भी बिल ग्राहक को नहीं दिया जाता था. साथ ही साथ उस फोन की वास्तविक पैकिंग भी गायब रहती थी. जैसे किसी असली फोन की कीमत एक लाख रुपये है तो इनके द्वारा इसको 35-40 हजार रुपये में बेचा जाता था.

गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश

नोएडा के डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि इस मामले में आरोपी दिवाकर शर्मा निवासी कृष्णानगर कॉलोनी, बरौला बाईपास रोड, थाना बन्नादेवी, अलीगढ़ वर्तमान पता गौड़ सिटी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट को गिरफ्तार किया है. पुलिस गैंग के और सदस्यों को पकड़ने का प्रयास कर रही है.

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