बेवफा सनम! जिस पत्नी को सरकारी नौकरी की तैयारी करवाई, लेखपाल बनते ही दिखाया ठेंगा | Jhansi Wife leaves Husband after becoming Lekhpal, Man lodged complaint with wedding photos


पत्नी ने पति को छोड़ा
कहते हैं शादी में पति-पत्नी साइकिल के दो पहियों की तरह होते हैं. यानी जब एक लड़खड़ाए तो दूसरा उसे संभाल ले. ये दो लोगों में सामन्जस्य की बात है कि कौन किसे संभालेगा. लेकिन कई जगह ऐसे भी मामले भी सामने आते हैं जहां एक के गिरने पर या नाकामयाब होने पर दूसरा उसे संभालता हैं, आगे बढ़ाता हैं, बढ़ावा दे देते हैं, लेकिन जब दूसरा व्यक्ति मनचाहे मकाम पर पहुंच जाता है तो वह उसी इंसान को अपनी जिंदगी से बाहर निकाल देता है.
उत्तर प्रदेश के झांसी से एक ऐसा ही मामला सामने आया. यहां एक पति ने अपनी पत्नी को सपोर्ट किया, उसे लेखपाल बनने में मदद की. लेकिन जैसे ही पत्नी लेखपाल बनी उसने अपने पति को पहचानने से ही इंकार कर दिया. जिन सात फेरों को लेकर पत्नी ने पति के साथ जीने-मरने का वादा किया था उसी पत्नी ने लेखपाल बनने के बाद उन्ही सात फेरों को अवैध बता दिया.
बढ़ई का काम करता था पति
पति का आरोप है की वह बढ़ई का काम करता था. उसने अपनी पत्नी को पढ़ाया-लिखाया. दिन रात मेहनत की ताकी वह आगे बढ़ सके और जब पत्नी लेखपाल बन गई तो लेखपाल पत्नी ने उसे छोड़ दिया. पति नीरज ने आरोप लगाया है कि 18 जनवरी 2024 को ऋचा उससे यह कहकर घर से गई कि उसे बीकेडी कॉलेज जाना है किसी जरूरी काम से. लेकिन पत्नी उसके बाद वापस ही नहीं लौटी. फिर सात महीने बाद यानी 10 जुलाई 2024 को लेखपाल भारती का नवनियुक्त प्रमाण पत्र सफल अभ्यर्थियों को बांटा जाना था. ऋचा भी अपना लेखपाल भर्ती का नियुक्ति प्रमाण पत्र लेने कलेक्ट्रेट स्थित सभागार आई थी.
क्या बोले ऋचा के परिजन?
नीरज भी कलेक्ट्रेट आ गया. यहां उसने पुलिस से गुहार लगाई. पुलिस को सारी कहानी बताई. हालांकि अभी दोनों को थाने बुलाया गया है और दोनों के बीच बातचीत चल रही है. पुलिस बातचीत से मामले का निपटारा करना चाहती है. इस पूरे मामले पर लेखपाल बनी ऋचा के परिजनों का कहना है कि नीरज उनकी बेटी को एमपी को ओरछा लेकर गया और वहां ओरछा मंदिर में उससे शादी कर ली. ये पूरी तरह से गलत बात है. परिजनों का कहना है कि नीरज बेवजह ऋचा को परेशान कर रहा है और उनकी बेटी ने दो साल से उससे कोई बात नहीं की है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.