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Mahakumbh 2025 Over 3 Crore Devotees Take Holy Dip in Prayagraj on Makar Sankranti

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ मेले का भव्य आयोजन जारी है. मंगलवार को मकर संक्रांति के अवसर पर प्रथम अमृत स्नान पर्व पर करीब 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, “महाकुंभ-2025 में अमृत स्नान करने वाले सभी संतों, श्रद्धालुओं और कल्पवासियों का हार्दिक अभिनंदन.” उन्होंने आयोजन की सफलता के लिए सभी प्रशासनिक विभागों और कर्मचारियों को बधाई दी.

रेल मंत्रालय ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रयागराज के नौ प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर विशेष व्यवस्थाएं की हैं. दिल्ली स्थित रेल भवन में एक ‘वॉर रूम’ स्थापित किया गया है, जहां 24×7 कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है. यह वॉर रूम प्लेटफॉर्म, स्टेशन और जोनल स्तर पर सीधा प्रसारण और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करता है. रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने कहा कि निगरानी का सबसे ऊंचा स्तर नई दिल्ली में है, जहां जरूरत पड़ने पर तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं.

प्रयागराज, नैनी, छिवकी, फाफामऊ, और रामबाग जैसे प्रमुख स्टेशनों पर यात्री सेवाओं की पूरी निगरानी की जा रही है. अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे हर स्थिति का तत्परता से समाधान करें.

विदेशी श्रद्धालुओं ने की संगम की पवित्रता की सराहना

मकर संक्रांति के अवसर पर संगम में स्नान करने वालों में न केवल भारत के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु शामिल थे, बल्कि विदेशी पर्यटकों की भी बड़ी संख्या थी. अमेरिका, फ्रांस, ईरान और इजरायल जैसे देशों से आए श्रद्धालुओं ने इस भव्य आयोजन की सराहना की.

अमेरिकी नागरिक जैफ ने कहा, “मैं दक्षिण भारत की यात्रा पर था और यहां आने के बाद मुझे शांति और पवित्रता का अनुभव हो रहा है. यहां की स्वच्छता और सुव्यवस्था अद्भुत है.” ईरान से आई एक महिला ने कहा, “हम नौ लोग पहली बार यहां आए हैं. यह आयोजन अभूतपूर्व है.” इसी तरह, अमेरिकी पर्यटक पॉला ने टूटी-फूटी हिंदी में कहा, “आज बहुत उत्तम दिन है. हमें साधुओं और संतों के साथ स्नान का सौभाग्य प्राप्त हुआ.”  

महाकुंभ की गूंज: ‘हर हर गंगे’ और ‘जय श्री राम’

महाकुंभनगर में श्रद्धालुओं के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. “हर हर गंगे” और “जय श्री राम” जैसे उद्घोषों ने इस आयोजन को और अधिक भव्य बना दिया. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, और केरल समेत विभिन्न राज्यों से आए लोग इस आयोजन में शामिल हुए. विदेशी श्रद्धालुओं ने भी इस आयोजन को भारत की सनातन संस्कृति का सजीव प्रमाण बताया.

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