Loksabha Election Survey NDA Will Get Benefit In These States Know Year 2019 And 2023 Situation

Loksabha Election Survey: लोकसभा का चुनाव तो वैसे साल 2024 में होगा, लेकिन उससे पहले कुछ चुनावी सर्वे में पार्टियों की नब्ज टटोली जा रही है. एक सर्वे ‘मूड ऑफ द नेशन’ में एनडीए सरकार के कामकाज से लेकर यह जानने की कोशिश की गई है कि राज्यों में एनडीए को कितना फायदा और कितना नुकसान होने वाला है. इसके अलावा यूपीए की स्थिति में कितना सुधार हुआ है, यह भी इस सर्वे से समझा जा सकेगा.
आगामी चुनावों में एनडीए को किन राज्यों में फायदा मिलता दिख रहा है, साल 2019 में उसकी क्या स्थिति थी और साल 2023 में क्या स्थिति हो गई है, इसको लेकर कई चीजें इंडिया टुडे सी-वोटर के सर्वे ‘मूड ऑफ द नेशन’ में सामने आई हैं.
आइए जानते हैं कि अगर आज चुनाव होते हैं तो उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक एनडीए और यूपीए की क्या स्थिति होगी… क्या कहता है सर्वे?
इन राज्यों में NDA को फायदा
इंडिया टुडे सी-वोटर सर्वे के मुताबिक, पहले बात करते हैं एनडीए की. राज्यों के हिसाब से अगर एनडीए की स्थिति को देखा जाए तो कई राज्य ऐसे हैं जहां इस गठबंधन को फायदा मिलता दिख रहा है तो कहीं नुकसान भी हो रहा है. असम राज्य में साल 2019 के चुनाव में एनडीए को 9 सीटें मिलीं थीं तो वहीं आज अगर चुनाव होते हैं तो एनडीए को 12 सीटें मिलती दिख रही हैं.
तेलंगाना में साल 2019 में एनडीए को 4 सीटें मिली थीं लेकिन साल 2023 में 6 सीटें मिलती हुई दिख रही हैं. पश्चिम बंगाल की अगर बात की जाए तो एनडीए ने साल 2019 में 18 सीटें जीती थीं तो वहीं साल 2023 में सर्वे के मुताबिक 20 सीटें मिलती दिख रही हैं. उत्तर प्रदेश में साल 2019 में एनडीए के गठबंधन ने 64 सीटें जीती थीं लेकिन साल 2023 में 70 सीटें जीतते हुए दिखाया गया है.
इन राज्यों में UPA को फायदा
एनडीए की स्थिति के बाद अब बात करते हैं यूपीए की. राज्यों के हिसाब से अगर देखें तो यूपीए को कर्नाटक में फायदा मिलता दिख रहा है. साल 2019 में यूपीए को सिर्फ 2 सीटें मिली थीं तो वहीं साल 2023 के इस सर्वे के मुताबिक, अगर अभी चुनाव हुए तो यूपीए को यहां 17 सीटें मिलती दिख रही हैं. इसके अलावा, महाराष्ट्र में भी यूपीए गठबंधन अच्छा प्रदर्शन करते हुए दिख रहा है. साल 2019 में यूपीए को मात्र 6 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था तो वहीं साल 2023 में इस गठबंधन के खाते में 34 सीटें जाती दिख रही हैं.
बिहार में साल 2019 में यूपीए को 1 सीट के साथ ही संतोष करना पड़ा था जो साल 2023 में बढ़कर 25 सीटों पर पहुंचता दिख रहा है.