जुर्म

Jayanarayan Mishra Gives Up Pso After Health Minister Naba Kishore Das Murder By Cop

Naba das Murder Case: ओडिशा विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष जयनारायण मिश्रा ने नबा दास की हत्या के बाद ओडिशा पुलिस पर विश्वास नहीं जताते हुए अपना पीएसओ छोड़ दिया. ओडिशा विधानसभा में बीजेपी विधायक और विपक्ष के नेता (LOP) जयनारायण मिश्रा ने शुक्रवार (3 फरवरी) को निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) को छोड़ने का फैसला किया. उन्होंने दावा किया कि एक पुलिस अधिकारी द्वारा राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या (Naba das Murder) के बाद उनका ओडिशा पुलिस (Odisha Police) पर से विश्वास उठ गया. नब किशोर दास को एएसआई गोपाल दास ने गोली मार दी थी.

इससे पहले जयनारायण मिश्रा ने ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या की अपराध शाखा की जांच में शामिल पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे. जयनारायण ने आरोपी गोपाल दास की सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा, ‘गोपाल दास को कुछ भी हो सकता है. मुझे ओडिशा पुलिस पर भरोसा नहीं है”. जयनारायण ने कहा कि अगर उन्हें कुछ होता है तो सरकार जिम्मेदार होगी. उन्होंने गोपाल दास की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग की थी. उन्होंने ओडिशा सरकार से नब किशोर दास हत्याकांड में अविलंब सीबीआई जांच की सिफारिश करने की मांग की. फायरब्रांड बीजेपी नेता ने दावा किया कि नब किशोर दास हत्याकांड की जांच करने वाली टीमों में तीन सदस्य शामिल हैं.

‘सम्मानित पुलिसकर्मी सरकार का दुश्मन कैसे हो गया’
इससे पहले मंगलवार को उन्होंने हत्याकांड की सीबीआई (CBI) जांच की मांग की थी. जयनारायण मिश्रा ने हत्या के लिए राजनीतिक और व्यापारिक कंपटीशन को जिम्मेदार ठहराया. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयनारायण ने कहा, “पुलिस विभाग को स्पष्ट करना चाहिए कि कितने मानसिक रूप से अस्थिर अधिकारी हैं. अगर ऐसा होता तो गोपाल दास को प्रमोशन, मेडल और रिवाल्वर कैसे दे दिया जाता? आरोपी एएसआई को पूर्व में सरकार ने सम्मानित किया था और वह सरकार का दुश्मन कैसे हो गया?

‘नब किशोर दास की पूर्व नियोजित हत्या थी’
उन्होंने पूछा कि डीजी इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? अगर कोई मंत्री राज्य में सुरक्षित नहीं है, तो सरकार अपने लोगों की सुरक्षा की गारंटी कैसे दे सकती है?” उन्होंने कहा कि उनकी मृत्यु के बाद एक दिन के लिए एक नाटक बनाया गया था. हमें ऐसी दादी-नानी की कहानियों में कोई दिलचस्पी नहीं है. यह एक पूर्व नियोजित हत्या थी और एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी, जिसे बेनकाब करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है एएसआई को स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) पर करीब से गोली चलाने के लिए किस चीज ने प्रेरित किया. इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए सरकार को इस मामले को सीबीआई को सौंप देना चाहिए.

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