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Russia-India Going To Do Bilateral Trade Next Year 2023 Introduce Rupee-Rubble Transaction 30 Billion Dollar Business

India-Russia Business: हाल के समय में भारत और रूस के बीच जो बिजनेस हुआ है, वो अभी चरम पर है. रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान भी भारत बिना किसी दबाव के रूस से लगातार कम कीमतों पर तेल खरीद रहा है. हाल में भी रूस ने ये ऐलान किया है वो अब रुपये की मदद से अपना इंटरनेशनल बिजनेस करने जा रहा है और डॉलर और यूरो को छोड़ने जा रहा है.

भारत और रूस के बीच व्यापार की बात करें तो 2023 के खत्म होने से पहले $30 बिलियन को पार करने के लिए तैयार है, जबकि 2021 में दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार का कारोबार 13 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था. यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के कारण दुनिया में ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा संकट के बावजूद बाइलेटरल बिजनेस में लगातार बढ़ोतरी हुई है. 

2023 के लिए सेट किया गोल

भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने 13वें वार्षिक रूस-भारत व्यापार संवाद फोरम (बिजनेस डायलॉग फोरम) में बताया कि हम अपने देशों के नेताओं के ओर से आपसी बिजनेस को समय से पहले $30 बिलियन तक लाने के लिए काम पूरा करेंगे. यह लक्ष्य 2025 में हासिल करने के लिए सेट किया गया था, लेकिन हम इस साल 2023 के अंत तक इसे हासिल कर लेंगे.
 
नई विश्व व्यवस्था में साझेदारी

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मॉस्को में रूस टुडे अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी के मीडिया सेंटर में आयोजित इस एक दिवसीय कारोबारी कार्यक्रम में गुरुवार (22 दिसंबर) को ‘नई विश्व व्यवस्था में भारत और रूस की अभिन्न साझेदारी’ पर ध्यान केंद्रित किया गया. रूस के उप आर्थिक विकास मंत्री दिमित्री वोल्वाच, मास्को सरकार के मंत्री सर्गेई चेरेमिन और रूस में भारतीय राजदूत पवन कपूर सहित वक्ताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में रूस और भारत के बीच सहयोग में एक आर्थिक सफलता की संभावनाओं पर चर्चा की.

भारत के राजदूत ने सुझाव दिया

मॉस्को में भारत के राजदूत पवन कपूर ने सुझाव दिया कि रूसी व्यापारियों को फार्मास्युटिकल, कृषि-उद्योग और कृषि, और रासायनिक उद्योगों में भारतीय उद्यमियों के साथ अधिक बातचीत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि, नेशनल करेंसी में बिजनेस के लेनदेन की जरूरत है, जिसको लेकर कुछ रूसी बैंकों में रुपये में खाता खोलना की भी संभावना है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसी साल जुलाई में एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने और आयात को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट के लिए एक नया मैकेनिज्म पेश किया था. 

ग्लोबल लेवल पर क्या हो सकता है असर

भारत और रूस के बिजनेस का असर ग्लोबल लेवल पर आगे के दौर में साफ देखा जा सकता है, क्योंकि रूस ने हाल ही में ये एलान किया है कि वो अपना बिजनेस ट्रांजेक्शन यूरो-डॉलर को छोड़ कर रुपये और रूबल में करने जा रहा है. भारत और रूस के इस प्लान से एक बात तो साफ है कि दुनिया के सुपर पावर अमेरिका और समुचे यूरोप को पछाड़ने की तैयारी हो रही है, जिसके लिए भारत-रूस ने चर्चा की है.

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