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IPL 2023: आशीष नेहरा के सुझाव को कई बार नजरअंदाज कर देते हैं हार्दिक पांड्या, गुजरात के कप्तान ने खुद किया खुलासा


<p style="text-align: justify;"><strong>Indian Premier League 2023:&nbsp;</strong>आईपीएल के पिछले सीजन में नई फ्रेंचाइजी के तौर पर इस टी20 लीग में शामिल होने वाली गुजरात टाइटंस का अभी तक दोनों ही सीजन में शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है. गुजरात टाइटंस ने अपने पहले ही सीजन में सभी को प्रभावित करते हुए हार्दिक पांड्या की कप्तानी में खिताब को अपने नाम किया था. इसका श्रेय टीम के मुख्य कोच आशीष नेहरा को भी दिया गया था. गुजरात की सफलता के पीछे हार्दिक और आशीष नेहरा की जोड़ी की चर्चा देखने को मिलती है.</p>
<p style="text-align: justify;">इस सीजन भी अभी तक गुजरात टाइटंस की टीम से काफी बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला है. वहीं टीम के कप्तान हार्दिक पांड्या ने अब फ्रेंचाइजी की तरफ से जारी किए एक वीडियो में यह खुलासा किया कि आखिर वह एक मैच में मुख्य कोच आशीष नेहरा की सलाह के खिलाफ क्यों गए थे. आईपीएल मैचों के दौरान आशीष नेहरा को अक्सर फील्डिंग के समय बाउंड्री पर हार्दिक को सलाह देते हुए देखा गया है.</p>
<p style="text-align: justify;">हार्दिक पांड्या ने अपने बयान में कहा कि सिर्फ 1 बार जब मैं आशीष नेहरा की सलाह के खिलाफ गया, वो पिछले आईपीएल सीजन का फाइनल मुकाबला था. हम पिछले सीजन में राशिद खान के आखिरी 2 ओवर अक्सर 12वें ओवर के बाद कराते थे. लेकिन मैंने फाइनल मुकाबले में जब देखा कि हम राजस्थान पर अधिक दबाव बना सकते हैं तो मैंने उनके सभी ओवर पारी के 12वें ओवर तक ही खत्म करा दिए थे.</p>
<p style="text-align: justify;">पांड्या ने आगे कहा कि फाइनल मुकाबले में जब आशीष नेहरा ने मुझे साई किशोर को गेंदबाजी कराने की सलाह दी तो मैंने उन्हें बुलाया, लेकिन उसी दौरान मैंने स्कोरकार्ड भी देखा और फिर उन्हें मैने रोक दिया. 11 ओवरों के बाद उनके सिर्फ 2 विकेट गिरे थे और बटलर 35 जबकि पडिकल 9 गेंदों में 2 रन बनाकर खेल रहे थे. मुझे यह एहसास हुआ कि वह इस ओवर को जरूर निशाना बनायेंगे और यदि वह ऐसा करने में कामयाब होते तो हमें लगभग 170 का लक्ष्य मिलता जो फाइनल के लिहाज से काफी अधिक होता.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>राशिद ने आते ही पडिकल को भेजा पवेलियन</strong></p>
<p style="text-align: justify;">हार्दिक ने आगे कहा कि मैंने साई को रुकने के लिए कहा और राशिद को बॉलिंग के लिए बुलाया. उन्होंने उस ओवर में जहां बेहद कम रन दिए, वहीं पडिकल का विकेट भी हासिल किया. इससे बटलर को भी अपना स्वाभाविक खेल खेलने का मौका नहीं मिल सका और इसी कारण वह उतने प्रभावशाली भी नहीं दिखाई दिए थे. मुझे सिर्फ यही एक घटना याद है जब मैं आशीष नेहरा की सलाह के खिलाफ मैच के दौरान गया था.</p>

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