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100 बीघे में फैला बागपत का कुर्डी टीला, जहां शुरू हुई खुदाई; क्या है इसका रहस्य?

100 बीघे में फैला बागपत का कुर्डी टीला, जहां शुरू हुई खुदाई; क्या है इसका रहस्य?

बागपत के कुर्डी टीले की हो रही खुदाई.

बागपत जिले के छपरौली कस्बे से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित कुरड़ी गांव का प्राचीन टीला एक बार फिर इतिहास की परतों को खंगालने का केंद्र बन गया है. राष्ट्रीय विरासत संस्थान ने यहां पर उत्खनन कार्य शुरू कर दिया है. इस महत्वपूर्ण परियोजना की निगरानी के लिए संस्थान के महानिदेशक डॉ. बुद्ध रश्मि मणि स्वयं मौके पर मौजूद रहें.

बता दें कि कुरड़ी गांव में करीब 100 बीघा क्षेत्र में फैला यह विशाल टीला अपने अंदर अनगिनत अनसुलझे रहस्य समेटे हुए है. माना जाता है कि इस स्थान की मिट्टी में सैकड़ों साल पुरानी सभ्यताओं की गूंज छिपी हो सकती है. टीले की ऊपरी सतह पर बिखरे पुरावशेषों ने इतिहासकारों और शोधार्थियों की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है.

टीले की खुदाई शुरू की गई

उत्खनन कार्य की शुरुआत से पहले धार्मिक परंपरा के तहत औजारों का पूजन किया गया. इसके बाद विधिवत तरीके से खुदाई शुरू की गई. राष्ट्रीय विरासत संस्थान के पुराविदों और शोधार्थियों ने टीले के ऊपरी सतह का निरीक्षण करने के साथ-साथ सफाई का कार्य भी किया. ग्राम पंचायत भवन में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है, जिससे वे पूरी लगन और मेहनत के साथ इस कार्य को अंजाम दे सकें.

टीले से निकलेंगी अनमोल धरोहरें!

शोधार्थियों के मुताबिक, इस टीले के अंदर छिपे अवशेष किसी प्राचीन सभ्यता के साक्ष्य हो सकते हैं, जो भारतीय इतिहास को नए सिरे से परिभाषित करने की क्षमता रखते हैं. स्थानीय लोगों में भी इस उत्खनन को लेकर खासा उत्साह है. यह उत्खनन न केवल इस गांव के इतिहास को उजागर करेगा, बल्कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय इतिहास में भी एक नई दिशा देगा. फिलहाल सभी की निगाहें इस टीले से निकलने वाले अनमोल धरोहरों पर टिकी हुई हैं.



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