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क्या है रामपुर का कारतूस कांड? 13 साल बाद आया फैसला, सभी 24 दोषियों को 10 10 साल की सजा | Verdict in cartridge theft case after 13 years UP rampur, 24 culprits sentenced to 10 years imprisonment stwsc

उत्तर प्रदेश के रामपुर में तेरह साल पुराने कारतूस चोरीकांड में सीआरपीएफ जवानों सहित 24 लोगों को कोर्ट ने 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इन सभी को दोषी मानते हुए 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है. इससे पहले रामपुर कोर्ट ने गुरुवार को धारा 413, 409, 120B में सभी 24 आरोपियों को दोषी करार दिया था.

इस मामले की सुनवाई रामपुर न्यायालय की स्पेशल कोर्ट EC एक्ट विजय कुमार की न्यायालय में चल रही थी. गुरुवार को न्यायालय ने सभी 24 आरोपियो को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

क्या है कारतूस चोरी कांड?

ये मामला अप्रैल 2010 का है. रामपुर में सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के ज्वाला नगर में रेलवे क्रॉसिंग के पास एसटीएफ की टीम ने सीआरपीएफ के दो हवलदारों को गिरफ्तार कर कारतूस कांड का खुलासा किया था. पुलिस ने इनके कब्जे से कारतूस बरामद किए गए थे. आरोप लगाया गया था कि इन कारतूसों को नक्सलियों को सप्लाई करने और दंतेवाड़ा हमले में इस्तेमाल किया जाना था.

इस मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों हवलदारों की निशानदेही पर इलाहाबाद पीएसी से रिटायर्ड दरोगा यशोदानन्दन, मुरादाबाद पीटीसी के एक आर्मर नाथी राम सैनी समेत बस्ती, गोंडा, बनारस समेत कई जिलों से 25 लोगों को गिरफ्तार किया था. जिनमें 20 पुलिस और सीआरपीएफ कर्मी हैं जबकि 5 आम नागरिक हैं. हालांकि इनमें अब 24 आरोपी बचे हैं, एक आरोपी यशोदानन्दन की मौत हो चुकी है.

धीरे-धीरे ऐसे खुलता गया पेच

इस संबंध में गठित टीम ने 29 अप्रैल 2010 को रामपुर में छापेमारी कर जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, वे थे- यशोदानन्दन, विनोद पासवान और विनेश कुमार. गिरफ्तारी के दौरान टीम ने मामले से जुड़े सामान की बरामदगी भी की.

यशोदानन्दन की निशानदेही पर ही मुरादाबाद पीटीसी से नाथीराम सैनी को गिरफ्तार किया गया था. यशोदानन्द से एक डायरी भी बरामद की गई थी जिसमें कॉन्टेक्ट डिटेल थी. थाना सिविला लाइन में एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था. पुलिस ने इस आधार पर सभी लोगों के विरुद्ध कोर्ट में चार्टशीट दाखिल की थी.

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