लाइफस्टाइल

HMPV infections are common during the winter and usually affect children below the age of 14 years

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, जिसे HMPV के नाम से भी जाना जाता है. एक ऐसा वायरस है जो सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है. यह आमतौर पर ऊपरी हिस्से में संक्रमण का कारण बनता है. हालांकि, यह निमोनिया, अस्थमा के बढ़ने या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) को बदतर बनाने जैसे निचले श्वसन संक्रमणों का कारण भी बन सकता है.

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, जिसे HMPV के नाम से भी जाना जाता है. एक ऐसा वायरस है जो सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है. यह आमतौर पर ऊपरी हिस्से में संक्रमण का कारण बनता है. हालांकि, यह निमोनिया, अस्थमा के बढ़ने या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) को बदतर बनाने जैसे निचले श्वसन संक्रमणों का कारण भी बन सकता है.

HMPV संक्रमण सर्दियों और शुरुआती वसंत के दौरान आम है और यह आमतौर पर 14 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों में होता है. कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग भी संक्रमित हो सकते हैं.

HMPV संक्रमण सर्दियों और शुरुआती वसंत के दौरान आम है और यह आमतौर पर 14 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों में होता है. कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग भी संक्रमित हो सकते हैं.

HMPV ब्रोंकियोलाइटिस, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, अस्थमा या COPD के बढ़ने और कान के संक्रमण जैसी गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है.

HMPV ब्रोंकियोलाइटिस, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, अस्थमा या COPD के बढ़ने और कान के संक्रमण जैसी गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है.

इस वायरस के खिलाफ़ कोई टीका नहीं है, इसलिए वायरस के खिलाफ़ ज़रूरी सावधानी बरतना ज़रूरी है. चूंकि वायरस आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है. इसलिए अपने बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए ज़रूरी कदम उठाना ज़रूरी है. बच्चों में HMPV संक्रमण को रोकने के कुछ तरीके यहाँ दिए गए हैं.

इस वायरस के खिलाफ़ कोई टीका नहीं है, इसलिए वायरस के खिलाफ़ ज़रूरी सावधानी बरतना ज़रूरी है. चूंकि वायरस आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है. इसलिए अपने बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए ज़रूरी कदम उठाना ज़रूरी है. बच्चों में HMPV संक्रमण को रोकने के कुछ तरीके यहाँ दिए गए हैं.

अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं. अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें.छींकते या खांसते समय अपनी कोहनी से अपना नाक और मुंह ढकें.

अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं. अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें.छींकते या खांसते समय अपनी कोहनी से अपना नाक और मुंह ढकें.

अगर आप बीमार हैं या कोई बीमार है तो लोगों से दूर रहें.भीड़भाड़ वाले इलाकों में या बीमार होने पर मास्क पहनें. अपने चेहरे, आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें.

अगर आप बीमार हैं या कोई बीमार है तो लोगों से दूर रहें.भीड़भाड़ वाले इलाकों में या बीमार होने पर मास्क पहनें. अपने चेहरे, आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें.

Published at : 08 Jan 2025 07:59 PM (IST)

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