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Hate Speech Supreme Court Directs All States To Registered FIR Even If No One Complain | Hate Speech: हेट स्पीच मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सभी राज्यों को निर्देश देते हुए कहा

Supreme Court On Hate Speech: सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में सख्ती दिखाई है. कोर्ट ने शुक्रवार (28 अप्रैल) को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने निर्देश दिया है. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि भले भी कोई शिकायत दर्ज की गई हो अथवा नहीं की गई हो लेकिन प्रशासन को मामला दर्ज करना ही है. 

जस्टिस के एम जोसफ और बी वी नागरत्ना की पीठ ने नफरत फैलाने वाले भाषणों को ‘‘गंभीर अपराध बताया जो देश के धार्मिक तानेबाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं.’’ पीठ ने कहा कि उसका 21 अक्टूबर, 2022 का आदेश सभी क्षेत्रों के लिए प्रभावी रहेगा. साथ ही चेतावनी दी कि मामले दर्ज करने में किसी भी देरी को अदालत की अवमानना माना जाएगा.

पहले तीन राज्यों को दिया था निर्देश

शीर्ष अदालत ने पहले उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड को निर्देश दिया था कि घृणा फैलाने वाले भाषण देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. तब न्यायालय ने कहा था, ‘‘धर्म के नाम पर हम कहां पहुंच गए हैं?’’ इसके बाद पीठ ने शुक्रवार को कहा, ‘‘न्यायाधीश अराजनीतिक होते हैं और पहले पक्ष या दूसरे पक्ष के बारे में नहीं सोचते और उनके दिमाग में केवल एक ही चीज है – भारत का संविधान.’’

प्रशासन की ओर से देरी कोर्ट की अवमानना होगी

सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि इस बहुत गंभीर विषय पर कार्रवाई करने में प्रशासन की ओर से देरी को अदालत की अवमानना माना जाएगा. सर्वोच्च अदालत का यह आदेश पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला की याचिका पर आया है जिन्होंने शुरू में पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. अब्दुल्ला ने शीर्ष अदालत के 21 अक्टूबर, 2022 के आदेश को सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में लागू करने का अनुरोध करने के लिए पुन: याचिका दाखिल की.

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