Fund Crunch In Afghanistan 21 Million People Are Being Forced To Reduce The Relief

fund crunch in afghanistan: संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादियों ने कहा कि फंड की कमी के कारण अफगानिस्तान में 21 मिलियन से अधिक लोगों के राहत में कमी करने को मजबूर होना पड़ रहा है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के हवाले से कहा गया कि साल का आधे से अधिक समय बीतने के साथ अफगानिस्तान में लगभग आधी आबादी के लिए 3.2 बिलियन डॉलर सहायता की अपील की तुलना में 25 प्रतिशत से भी कम राशि मिली है.
1.3 अरब डॉलर की फंडिंग कमी
ओसीएचए ने कहा, “हमें 1.3 अरब डॉलर की फंडिंग कमी का सामना करना पड़ रहा है, अपर्याप्त संसाधनों के कारण कई कार्यक्रम पहले ही समाप्त हो चुके हैं या काफी हद तक कम हो गए हैं.” अफगानिस्तान में चार दशकों से अधिक के संघर्ष और अस्थिरता के बाद अफगान महिलाओं और लड़कियों सहित आबादी के दो-तिहाई हिस्से को मानवीय और सुरक्षा सहायता की आवश्यकता है.
2021 में 1.6 मिलियन से अधिक अफगान देश छोड़कर गए
2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से 1.6 मिलियन से अधिक अफगान देश छोड़कर भाग गए हैं, इससे पड़ोसी देशों में अफगानों की कुल संख्या 8.2 मिलियन हो गई है, जो दुनिया में सबसे बड़ी शरणार्थी स्थितियों में से एक है. कम से कम 32 लाख अफगानी अपने ही देश में विस्थापित हैं.
इसी बीच युद्धग्रस्त देश की दो-तिहाई आबादी खाद्य असुरक्षित है. यही नहीं इसमें 8 लाख 75 हजार बच्चे गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कहा गया था कि अफगानिस्तान में लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है और ऐसे लोगों की संख्या बढ़कर 29.2 मिलियन हो गई है. इसके पीछे की वजह अफगानिस्तान में आए सूखे, बाढ़, असुरक्षा और राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता को बताया जा रहा था.
इसके अलावा UNICEF ने कहा था कि अफगानिस्तान में 19 मिलियन लोगों की मानवीय जरूरतों को पूरा करने में मदद के लिए 1.45 बिलियन डॉलर की जरूरत पड़ने वाली है.
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