Chinese President Xi Jinping said Taiwan is our territory also mention challenges faces by country

Xi Jinping: चीन ने मंगलवार (एक अक्टूबर, 2024) को अपना 75वां राष्ट्रीय दिवस मनाया और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कड़ी चेतावनी दी कि कम्युनिस्ट राष्ट्र के लिए आगे की राह आसान नहीं होगी, क्योंकि उसे आर्थिक चुनौतियों के साथ-साथ अमेरिका के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्विता और भारत सहित अन्य पड़ोसियों के साथ बढ़ते तनाव का सामना करना पड़ रहा है.
मंगलवार को बीजिंग के विशाल तियानमेन स्कवायर पर राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग प्रतीकात्मक ध्वजारोहण समारोह में शामिल हुए. बता दें कि चीन में एक सप्ताह का अवकाश घोषित है. राष्ट्रीय दिवस की 60वीं और 70वीं वर्षगांठ की तरह इस बार कोई उत्सव या चीन की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करने वाली भव्य सैन्य परेड नहीं हुई, बल्कि शी ने लोगों से कठिन समय के लिए तैयार रहने का आह्वान किया.
‘आगे की राह आसान नहीं’
शी जिनपिंग ने वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर एक भोज के दौरान अपने भाषण में कहा, ‘‘आगे की राह आसान और सुगम्य नहीं होगी, इसमें कठिनाइयां और बाधाएं आएंगी. (हमें) मुश्किल हालात का सामना करना पड़ सकता है.’’ चीन चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच, आर्थिक गति हासिल करने की कोशिश कर रहा है. शी ने कहा, ‘‘हमें शांति के समय में सतर्क रहना चाहिए, आगे की योजना बनानी चाहिए और पूरी (कम्युनिस्ट) पार्टी, पूरी सेना (पीएलए) और देश भर के सभी जातीय समूहों के लोगों पर पूरा भरोसा करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी कठिनाई चीन के लोगों को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती.’’
पार्टी और जनवादी सेना (पीएलए) का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रपति शी जिनपिंग (71) का पांच वर्षों का यह तीसरा कार्यकाल है और उनके जीवन पर्यंत सत्ता में बने रहने की बात कही जा रही है. चीन जनवादी गणराज्य (पीआरसी) का गठन 1949 में हुआ था, जब माओत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने गृहयुद्ध के दौरान सत्ता पर कब्जा कर लिया था, जबकि चियांग काई-शेक के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी ताइवान चले गए थे, जो वर्षों से एक लोकतांत्रिक प्रणाली का पालन करने वाले स्वशासी द्वीप के रूप में उभरा है.
‘चीन का क्षेत्र है ताइवान’
शी ने सोमवार (30 सितंबर) को अपने भाषण में कहा, ‘‘ताइवान, चीन का क्षेत्र है और ताइवान के दोनों ओर के लोगों के बीच संबंध है.’’ उन्होंने चेतावनी दी कि बीजिंग, ताइवान की स्वतंत्रता का पुरजोर विरोध करेगा. साथ ही, शी का भाषण अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने पर केंद्रित था, जो रियल एस्टेट बाजार में मंदी के कारण अपनी सुस्ती से बाहर नहीं निकल पा रही है, जिसके परिणामस्वरूप अरबों अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है. अपने भाषण में शी ने अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के लिए आर्थिक नीतियों में सुधार और खुलेपन को बढ़ावा देने का संकल्प लिया, जो कई आंतरिक मुद्दों, विशेष रूप से स्थिर घरेलू खपत और रियल एस्टेट बाजार में मंदी के अलावा, अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरियों पर लगाए गए उच्च शुल्क के कारण प्रभावित हुई है.
विश्लेषकों का कहना है कि चीन की आर्थिक मंदी का असर उसकी बेल्ट एंड रोड (बीआरआई) जैसी वैश्विक रणनीतिक पहल पर पड़ रहा है, जिसके तहत चीन ने भारी निवेश के साथ दुनिया भर के छोटे देशों को लुभाया था। रणनीतिक मोर्चे पर, अमेरिका के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्विता के अलावा, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर चीन के दावे के कारण फिलीपीन के साथ भी उसका करीबी संघर्ष हुआ है, जिसे अमेरिका का सैन्य समर्थन प्राप्त है. चीन और फिलीपीन के अलावा वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी दक्षिण चीन सागर पर अपना-अपना दावा करते हैं. पूर्वी चीन सागर को लेकर जापान के साथ चीन के समुद्री तनाव ने टोक्यो को अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए भारी निवेश करने को मजबूर कर दिया है. इसके अलावा, पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय से भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध जारी है, हालांकि दोनों देश इस गतिरोध को दूर करने के लिए निरंतर कूटनीतिक और सैन्य वार्ता कर रहे हैं.