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Dhananjay Singh: पत्नी से विवाद, हत्या रंगदारी के केस… कौन हैं बाहुबली नेता धनंजय सिंह | jaunpur know about bahubali former mp dhananjay singh political journey and criminal history stwas

Dhananjay Singh: पत्नी से विवाद, हत्या-रंगदारी के केस... कौन हैं बाहुबली नेता धनंजय सिंह

पूर्व सांसद धनंजय सिंह (फाइल फोटो).

तीन दिन पहले की बात है. एक नेताजी अपने ‘X’ हैंडल से ट्वीट करते हैं और लिखते हैं कि, ‘साथियों तैयार रहिए, लक्ष्य बस लोकसभा-73 जौनपुर’… अपने ट्वीट के बाद नेताजी लक्ष्य साधने की तैयारी में जुटते उससे पहले ही वह अपहरण और रंगदारी के मामले में सलाखों के पीछे पहुंच गए. अब अगर उनको दो साल या उससे अधिक की सजा हो गई तो उनका लक्ष्य भी धरा का धरा रह जाएगा. लक्ष्य साधने के बजाए उनको अपनी जमानत के लिए इधर से उधर चक्कर लगाना पड़ेगा. ये भी हो सकता है कि नेताजी को जमानत मिलते-मिलते लोकसभा चुनाव खत्म हो जाए और उनके संसद पहुंचने के सपनों पर पानी फिर जाए.

हम बात कर रहे हैं जौनपुर के पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह की. विवादों में रहने वाले धनंजय सिंह को जौनपुर की MP-MLA कोर्ट ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के इंजीनियर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी केस में दोषी करार दिया है. कल उनकी सजा पर सुनवाई होगी. साथ में उनके साथी संतोष विक्रम सिंह भी हैं, जिन्हें कोर्ट ने धनंजय सिंह के साथ दोषी करार दिया है. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

जब पहली बार मर्डर केस में सामने आया नाम

1990 में हाईस्कूल में पढ़ने के दौरान एक पूर्व शिक्षक की हत्या में पहली बार धनंजय सिंह का नाम आया था. हालांकि पुलिस इस मामले में आरोप साबित नहीं कर पाई. यहीं से उन पर आपराधिक मामलों से जुड़े आरोप लगने शुरू हुए. 1992 में जौनपुर के तिलकधारी सिंह इंटर कॉलेज से बोर्ड की परीक्षा दे रहे धनंजय सिंह पर एक युवक की हत्या का आरोप लगा और परीक्षा के अंतिम तीन पेपर धनंजय सिंह ने पुलिस हिरासत में दिए.

इंटर करने के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी में स्नातक में प्रवेश के साथ ही छात्र राजनीति और सरकारी विभागों के टेंडर में वर्चस्व की होड़ में धनंजय सिंह का नाम कई गंभीर आपराधिक मामलों में जुड़ा. स्नातक पूरा करने के साथ-साथ हत्या की साजिश और प्रयास, लूट जैसे गंभीर मामलों से जुड़े आधा दर्जन मुकदमे लखनऊ के हसनगंज थाने में दर्ज हो गए.

पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया

अपराध जगत में धनंजय सिंह का नाम तब तेजी से उभरा, जब 1997 में BSP नेता मायावती के शासनकाल में बन रहे अंबेडकर पार्क से जुड़े लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर गोपाल शरण श्रीवास्तव की ठेकेदारी के विवाद में हत्या कर दी गई. इस मामले में धनंजय सिंह पर आरोप लगा और वह फरार हो गए. सरकार ने उन पर 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया.

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दो साल बाद 1999 में धनंजय सिंह ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया, लेकिन इस दौरान उनका नाम 1997 में राजधानी के चर्चित लॉ मार्टिनियर कॉलेज के असिस्टेंट वॉर्डन फ्रेड्रिक गोम्स हत्याकांड और हसनगंज थाना क्षेत्र में हुए संतोष सिंह हत्याकांड में भी जुड़ा. उन पर लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र नेता अनिल सिंह वीरू की हत्या की कोशिश जैसे आरोप भी लगे.

जब पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया

कोर्ट में आत्मसमर्पण के बाद भी इंजीनियर हत्याकांड मामले में पुख्ता साक्ष्य न होने की वजह से धनंजय सिंह बरी हो गए. पुलिस ने इस हत्या के बाद फरार धनंजय और उनके तीन साथियों को 1998 में भदोही में एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया था. बाद में खुलासा हुआ कि मारे गए चारों युवक निर्दोष थे. इस प्रकरण में 22 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ, जो अब भी जिला सत्र न्यायालय में लंबित है.

निर्दलीय चुनाव जीतकर पहुंचे विधानसभा

धनंजय सिंह ने पहली बार 2002 में रारी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता. इसके बाद 2007 में उन्हें JDU से टिकट मिला और वह विधानसभा पहुंचे, लेकिन 2008 में धनंजय सिंह JDU छोड़कर बसपा में शामिल हो गए. 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने उन्हें जौनपुर से टिकट दिया और पहली बार धनंजय सिंह सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे, लेकिन बसपा से उनके संबंध ज्यादा समय तक नहीं चले. मायावती ने 2011 में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाकर बाहर कर दिया. इसके बाद से धनंजय सिंह नेपथ्य में हैं.

तीन शादियां की, एक ने सुसाइड किया- एक से तलाक हुआ

बाहुबली धंनजय सिंह जौनपुर के सिकरारा थाना क्षेत्र के बंसफा गांव के निवासी हैं. इनकी पत्नी श्रीकला सिंह वर्तमान में जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. धनंजय सिंह का निजी जीवन भी काफी उथल-पुथल भरा रहा. उन्होंने तीन शादियां कीं. उनकी पहली पत्नी ने शादी के नौ महीने बाद ही आत्महत्या कर ली थी. दूसरी पत्नी डॉ. जागृति सिंह घरेलू नौकरानी की हत्या के आरोप में नवंबर 2013 में गिरफ्तार हुई थीं. इस मामले में सबूत मिटाने के आरोप में धनंजय सिंह भी नामजद हुए थे. हालांकि बाद में जागृति से उनका तलाक हो गया. 2017 में धनंजय सिंह ने दक्षिण भारत के एक बड़े कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखने वालीं श्रीकला रेड्डी से तीसरी शादी रचाई.

धनंजय सिंह इस समय BJP की सहयोगी पार्टी JDU के नेता हैं. जौनपुर सीट से इस बार धंनजय लोकसभा चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं, लेकिन इन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. BJP ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है. ऐसा माना जा रहा है कि BJP की जीत की राह में धंनजय रोड़ा बनेंगे. हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले ही धनंजय सिंह की मुसीबत बढ़ने पर जौनपुर में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. कुछ लोगों का मानना है कि यदि कोर्ट कल धनंजय सिंह को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाती है तो वह जेल में बंद रहेंगे और चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

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