Crime Against Women In India Union Minister Ajay Kumar Mishra Reply In Parliament Says One Crore Cases Registered In Last 5 Years

Women Crime Cases: केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि पिछले पांच सालों में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के तहत महिलाओं के खिलाफ अपराध के लगभग 1 करोड़ मामले दर्ज किए गए हैं. दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की नेता फौजिया खान ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर विवरण मांगा था और सरकार से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर सवाल किया था. इसके जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 में बलात्कार के मामलों में 2 महीने में जांच पूरी करने और चार्जशीट दायर करने का आदेश दिया गया है और सीआरपीसी की धारा 173 के तहत 2 महीने में परीक्षण भी पूरा किया जाना है.
यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग प्रणाली की लॉन्च
अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि गृह मंत्रालय (MHA) ने देशभर में यौन अपराधियों की जांच और ट्रैकिंग की सुविधा के लिए 20 सितंबर, 2018 को ‘यौन अपराधियों पर राष्ट्रीय डाटाबेस’ (NDSO) लॉन्च किया है. इसके साथ ही, गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 के अनुसार यौन उत्पीड़न के मामलों में समयबद्ध जांच की निगरानी और ट्रैक करने के लिए एक ऑनलाइन विश्लेषणात्मक उपकरण ‘यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग प्रणाली’ लॉन्च की है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने केंद्रीय और राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (FSL) में डीएनए विश्लेषण इकाइयों को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में अत्याधुनिक डीएनए एनालिसिस यूनिट की स्थापना शामिल है.
डीएनए एनालिसिस यूनिट की स्थापना को मंजूरी
अजय कुमार मिश्रा ने आगे कहा कि गृह मंत्रालय ने अंतराल विश्लेषण और मांग मूल्यांकन के बाद राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में डीएनए एनालिसिस यूनिट की स्थापना और बढ़ाने की भी मंजूरी दी है. गृह मंत्रालय ने यौन उत्पीड़न के मामलों में फोरेंसिक साक्ष्य के संग्रह और यौन हमले के साक्ष्य संग्रह किट में मानक संरचना के लिए दिशानिर्देश अधिसूचित किए हैं. जनशक्ति में पर्याप्त क्षमता की सुविधा के लिए, जांच अधिकारियों, अभियोजन अधिकारियों और चिकित्सा अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और कौशल निर्माण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं.
पीड़ितों को त्वरित न्याय की योजना
अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि 389 विशेष यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अदालतों सहित 1023 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों की स्थापना के लिए वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार की तरफ से पीड़ितों को त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए रेप और पोक्सो एक्ट नाम की एक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की गई थी. 31 जनवरी, 2023 तक 411 अन्य पोक्सो अदालतों सहित 764 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्य कर रही हैं.